शिमला। मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने स्वतंत्र भारत के प्रथम मतदाता तथा चुनाव आईकन श्याम सरन नेगी (106) के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उनका निधन आज प्रातः किन्नौर जिला में उनके पैतृक गांव कल्पा में हुआ।
अपने शोक सन्देश में गर्ग ने कहा कि श्याम सरन नेगी ने स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद वर्ष 1951 में सबसे पहला मतदान किया और उसके पश्चात हुए सभी चुनावों में भाग लिया। भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने में उनका योगदान अविस्मरणीय है।
मनीष गर्ग ने कहा कि श्याम सरन नेगी ने अपने लम्बे जीवन में चुनावी प्रक्रिया में बैलेट पेपर से लेकर ईवीएम तक का बदलाव भी देखा । वे हमेशा की तरह इस बार भी मतदान केन्द्र पर जाकर अपना मत डालना चाहते थे लेकिन अस्वस्थता के कारण उन्होंने 2 नवम्बर को डाक मतपत्र के माध्यम से अपना वोट डाला।
गर्ग ने कहा कि श्याम सरन नेगी देश के मतदाताओं के लिए प्रेरणास्रोत थे जिन्होंने सदैव लोगों को मत के प्रयोग का महत्व बताया और उन्हें मतदान के लिए प्रेरित किया। वह एक नेक इंसान थे और लोकतंत्र में उनकी गहरी आस्था थी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि श्याम सरन नेगी के निधन से हुई अपूरणीय क्षति की भरपाई नहीं की जा सकती। अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हुए शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं भी व्यक्त की हैं।श्याम सरन नेगी का आज रिकांगपिओ के पोवारी में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
Like this:
Like Loading...
Related