शिमला म हिमाचल प्रदेश सरकार सुदूर पिछड़े ग्रामीण क्षेत्रों में बीमार पशुओं को घर द्वार पर चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए जून 2022 में मोबाईल एंबुलेंस सेवा शुरु करेगी।
राज्य के पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बताया कि केन्द्रीय सरकार द्वारा प्रायोजित मोबाईल वैटरिनरी यूनिट परियोजना के अंर्तगत पंचवर्षीय परियोजना शुरू की गयी है जिसके अन्तर्गत घायल एवं बीमार पशुओं को आनसाईट चिकित्सा सुविधा देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा मोबाइल बाहनों की खरीद के लिए पहले साल में 704 लाख रूपये (496 लाख सामान्य , 64 लाख रूपये टी एस पी और 144 लाख एस सी एस पी कॉम्पोनेन्ट ) की धनराशि जारी की गई है ताकि राज्य में पशुओं की बीमारियों से रोकथाम तथा उन्मूलन के लक्ष्य प्राप्त करके राज्य में पशुधन को पूरी तरह रोगमुक्त किया जा सके।
इस परियोजना के अन्तर्गत बीमार तथा घायल पशुओं को घर द्वार पर चिकित्सा सुविधायें प्रदान करने के लिए 16 लाख रुपये की लागत से आधुनिक सुविधाओं और तकनीक से सुसज्जित मोबाइल एम्बुलेन्स रोल की जाएगी जिसमे पशुओं की चिकित्सा के उपकरण, दवाइयाँ आदि की सुबिधा उपलब्ध करवाई जाएगी तथा इस एंबुलेंस में वैटरिनरी उपकरण, हल्की सर्जरी, कृत्रिम गर्भाधान, रोगों की जांच आदि के उपकरण लगाये जाएंगे।
पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बताया कि इस एंबुलेंस में ‘‘हाइड्रोलिक लिफ्ट’’ सुविधा होगी जिससे आपातकाल में पशुओं को तत्काल नज़दीकी पशु चिकित्सालय में स्थानंतरित किया जा सकेगा। जिन पशुओं का आनसाईट उपचार नहीं किया जा सकता उन्हें सरकारी पशु चिकित्सालयों में एंबुलेंस के माध्यम से शिफ्ट किया जाएगा।
राज्य का पशुपालन विभाग ‘108’ एंबुलेस सेवा की तर्ज पर आपातकालीन टोल फ्री नंबर 1962 चलाएगा जिसके माध्यम से पशुपालक 24 घंटे एंबुलेंस सेवा का लाभ उठा सकेंगे।
यह एंबुलेंस सेवा सरकार द्वारा निजी क्षेत्र की सहभागिता से पी.पी.पी मोड पर चलाई जाएगी तथा सेवा को संचालित करने वाली कंपनी को राज्य सरकार पर्याप्त बजट सहायता प्रदान करेगी।
राज्य के प्रत्येक विकास खंड में एक एंबुलेंस सेवा संचालित की जाएगी तथा प्रारंभ में यह सेवा 44 विकास खंडों (40 सामान्य एवं 4 जनजातिय क्षेत्रों) में संचालित की जाएगी।
प्रत्येक एंबुलेंस में एक पशुचिकित्सक एक पशु सहायक उपलब्ध होगा। यह पशु मोबाइल एंबुलेंस सामरिक स्थलों पर खड़ी की जाएंगी ताकि कॉल आने पर तत्काल घटना स्थल पर पहुंच कर सेवाएं प्रदान कर सकें।
पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बताया कि 2019 की पशु जनगणना के अनुरूप यह एंबुलेंस सेवा राज्य के 4378757 पशुधन को कवर करेगी जोकि अंतर्राज्यीय माइग्रेशन, पौष्टिक घास की कमी तथा कठिन भौगोलिक परिस्थितियों की वजह से अनेक रोगों से ग्रसित रहते हैं।
इस एंबुलेंस सर्विस से प्रतिवर्ष औसतन चार लाख पशुधन को घर-घर पर चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा सकेगी।
हिमाचल प्रदेश की कठिन भौगालिक परिस्थितियों की वजह से यह एंबुलेंस सेवा ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अत्यंत मददगार साबित होगी क्योंकि सीमित संसाधनों की वजह से पशुओं को पशु चिकित्सालयों में लाना कठिन कार्य है।