प्रदेश में कर्मचारी परेशान, युक्तिकरण की आड़ में कर्मचारियों की संख्या में कटौती, बोले भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा

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रामपुर। भाजपा जिला किन्नौर की बैठक नोगली रेस्ट हाउस में जिला अध्यक्ष यशवंत सिंह मंजू की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में प्रभारी प्रदेश मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा और किन्नौर से प्रत्याशी सूरत नेगी विशेष रूप से उपस्थित रहे।

नंदा ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में आर्थिक मंदी एवं आर्थिक बदहाली का दौर चल रहा है, जिसके कारण प्रदेश की जनता एवं कर्मचारी वर्ग परेशान है।

प्रदेश में हालात ऐसे हो गए हैं कि कर्मचारी यह सोचने पर मजबूर हो गया है कि, क्या अगले महीने की तनख्वाह आएगी या नहीं ?

हाल ही में विधानसभा में दी गई 10 नियुक्तियां के बारे में भी प्रदेश में काफी चर्चा है और जिस प्रकार से वह नियुक्तियां दी गई हैं, उसे पर काफी प्रश्न चिन्ह उठ रहे हैं और इन नियुक्तियों की जांच होनी चाहिए।

प्रदेश में कर्मचारी परेशान

नंदा ने कहा कि अनुबंध कर्मचारी सर्विस बिल का विरोध किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा कर्मचारियों के समर्थन में सरकार से मांग करती है कि स्टडी लीव के दौरान कर्मचारियों को विशेष कर अध्यापकों और चिकित्सकों को पूरा वेतन दिया जाए।

कर्मचारियों का 11 प्रतिशत डीए और छठे वेतन आयोग की बकाया राशि जारी की जाए, 4-9-14 टाइम स्केल को बहाल किया जाए।

जिन कर्मचारियों को पिछला टाइम स्केल का लाभ नहीं मिला है उसे चरणबद्ध तरीके से लाभदिया जाए, कालेज और विश्वविद्यालय के शिक्षकों को करियर एडवांसमेंट स्कीम यूजीसी की तर्ज पर दिया जाए।

युक्तिकरण की आड़ में कर्मचारियों की संख्या में कटौती

बिजली बोर्ड में युक्तिकरण के नाम पर कर्मचारियों के पदों में कटौती करने की तैयारियों को लेकर कर्मचारी वर्ग में भारी रोष है।

हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड में प्रबंधन स्तर पर युक्तिकरण की आड़ में कर्मचारियों की संख्या में कटौती करने की जल्दबाजी की जा रही है।

प्रबंधन द्वारा एक तरफा ढंग से संशोधित मानदंडों का मसौदा तैयार किया है। किसी भी महकमे के मानदंड उसकी संरचना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं और इसमें फेरबदल का व्यापक असर सीधे तौर पर उसकी कार्यप्रणाली और उसके कर्मचारियों की सेवा शर्तों पर पड़ता है।

एचपीएसईबी लिमिटेड पहले से ही कर्मचारियों की कमी का सामना कर रहा है। एचपीएसईबीएल के प्रबंधन द्वारा एक प्रस्तुति के माध्यम से सरकार को प्रस्तुत किया जा रहा डाटा तथ्यों पर आधारित नहीं है और इसे गैर-पेशेवर अनुभवी टीम द्वारा तैयार किया गया है।

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