नई दिल्ली। महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर पेप्सिको इंडिया ने नई दिल्ली में प्लॉग रन आयोजित करने के लिए द सोशल लैब के साथ भागीदारी की है। भारत सरकार के ‘स्वच्छता ही सेवा’ और ‘स्टे फिट इंडिया’ अभियानों के अनुरूप इस कार्यक्रम को जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में रवाना किया गया है।
प्लॉग रन 2022 प्लास्टिक सर्कुलेटरी पर जागरूकता पैदा करने के साथ-साथ सर्वश्रेष्ठ फिटनेस और पर्यावरण संरक्षण को जोड़ती है। इसका उद्देश्य व्यवहार परिवर्तन को बढ़ावा देना और अपने इच्छित जीवनकाल से परे प्लास्टिक के उपयोग को प्रदर्शित करना है।
इस कार्यक्रम में पेप्सिको इंडिया के कर्मचारियों सहित सैकड़ों स्वयंसेवकों ने जॉगिंग की और साथ ही साथ इस्तेमाल किए गए प्लास्टिक कचरे को उठाया। प्लॉग रन में दिल्ली विश्वविद्यालय, एमिटी विश्वविद्यालय सहित अन्य प्रमुख स्थानीय विश्वविद्यालयों के स्वयंसेवकों ने भी भाग लिया।
भारत सरकार में उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और पर्यावरण, वन और जलवायु राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा, “हमें यह देखकर खुशी हो रही है कि स्वच्छ भारत दिवस मनाने और एक महत्वपूर्ण पहल में शामिल होने के लिए पूरा शहर एक साथ आया है, जो ‘स्वच्छता ही सेवा’ और ‘स्टे फिट इंडिया’ पर जागरूकता पैदा करने पर केंद्रित है।
समुदायों के इस तरह के संयुक्त प्रयास से वास्तविक व्यवहार में बदलाव आता है। प्लॉग रन प्लास्टिक कचरा प्रबंधन के बारे में जागरूकता पैदा करने का एक शानदार तरीका है।
इस अवसर पर बोलते हुए पेप्सिको इंडिया की मुख्य सरकारी मामले और संचार अधिकारी गरिमा सिंह ने कहा, “प्लॉग रन 2022, न केवल प्लास्टिक जागरूकता के दृष्टिकोण में अद्वितीय है, बल्कि भारत सरकार के ‘स्वच्छता ही सेवा’ और ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ अभियानों के साथ भी जुड़ा हुआ है।
यह विभिन्न हित धारकों के साथ साझेदारी में काम करने की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित करता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हम सभी एक सामान्य लक्ष्य प्राप्त करें जहां प्लास्टिक बर्बाद न हो।
दिल्ली-एनसीआर में स्वयंसेवकों से इस तरह की जबरदस्त प्रतिक्रिया देखकर हमें बहुत खुशी हो रही है। इस तरह की पहल से हमें प्लास्टिक कचरा प्रबंधन पर व्यापक जागरूकता पैदा करने की दिशा में एक लंबा रास्ता तय करने में मदद मिलती है।”
सोशल लैब (टीएसएल) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी साहिल अरोड़ा ने कहा, “हम इस नेक पहल के लिए पेप्सिको इंडिया और क्रॉक्स (CROCS) के साथ साझेदारी करके सम्मानित महसूस कर रहे हैं।
पानी के क्षेत्र में भारत के सामने बड़ी चुनौतियां हैं। यह जरूरी है कि जिम्मेदार कॉरपोरेट स्वच्छता को बढ़ावा देने और कर्मचारियों को अच्छे स्वास्थ्य और स्वच्छता अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए ऐसी पहल और कार्यक्रमों को अपनाएं।”