भाजपा का दोहरा व्यव्यहार, पेट्रोल डीजल क्यों जीएसटी से बाहर? : अभिषेक राणा

Spread with love

हमीरपुर। हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा खाने पीने तथा अन्य आवश्यक चीजों पर भारी जीएसटी बढ़ोतरी की गई है जिस पर प्रदेश कांग्रेस सोशल मीडिया विभाग के अध्यक्ष व प्रवक्ता अभिषेक राणा ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा रोजमर्रा की वस्तुओं, जिसमें प्रमुख खाद्यान्न शामिल हैं, को भी जीएसटी में शामिल कर लिया है।

ऐसे में दाल, चना, गेहूं व अन्य आवश्यक वस्तुएं महंगी हो जाएंगी। हीरे पर कम जीएसटी और पेन की स्याही जिससे बच्चे अपना भविष्य लिखते हैं उस पर जीएसटी अधिक बढ़ा देना केंद्र सरकार की तानशाही मानसिकता को दर्शाता है जहां बच्चों की पढ़ाई लिखाई पर भी टैक्स लगा दिया गया है। क्या पढ़ाई, लिखाई और सुनहरे भविष्य की बातें सिर्फ भाषण और जुमलों में ही शामिल हैं क्योंकि धरातल पर तो उसका अस्तित्व ही नहीं दिखता।

अभिषेक ने केंद्र सरकार पर बड़ा सवाल डालते हुए कहा कि यदि केंद्र सरकार हर चीज पर इतना जीएसटी लगा रही है तो पेट्रोल डीजल को जीएसटी के दायरे में क्यों नहीं लाते? क्यों पेट्रोल डीजल को इतना महंगा है कि वह आम आदमी की पहुंच से बाहर है ? इसे जीएसटी के दायरे के बाहर भी इसीलिए ही रखा गया है ताकि इसकी कीमतें निरंतर बढ़ती रहें।

मल्टीपल जीएसटी होने के कारण प्रत्येक बिक्री पर जीएसटी जुड़ता चला जाएगा, जिससे उद्योगपति और अमीर लोगों को तो फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन मध्यमवर्गीय और गरीब नागरिक मारा जाएगा और उसे महंगाई का सामना करना पड़ेगा। कुटीर, घरेलू व लघु उद्योग पर लगाए गए इस टैक्स का विपरीत प्रभाव पड़ेगा।

अच्छे दिन के नाम पर कुछ भला तो नहीं हुआ लेकिन आए दिन केंद्र सरकार महंगाई की मार जनता पर डाल रही है और थोड़ी बहुत जो कसर थी वह जीएसटी ने पूरी कर दी है।

हिमाचल प्रदेश में तो पहले ही बेरोजगारी अत्याधिक बढ़ी हुई है ऊपर से छोटे-मोटे रोजगार चलाने वाले गरीब लोग भी अब महंगाई की और इस जीएसटी की चपेट में आ गए हैं। जिससे उनका आजीविका चलाना भी मुश्किल हो गया है।

प्रदेश कांग्रेस यह मांग करती है कि इस जीएसटी को तुरंत वापस लिया जाए और महंगाई में कटौती करके गरीब आदमी के बारे में भी सोचा जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: