डुगर व बग्गी जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के लिए अनुबंध हस्ताक्षरित

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542 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं से 4300 लोगों को होगा रोजगार प्राप्त

शिमला। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की उपस्थिति में शुक्रवार देर शाम को यहां 500 मेगावाट क्षमता की डुगर जल विद्युत परियोजना तथा 42 मेगावाट क्षमता की बग्गी जल विद्युत परियोजना के निर्माण के लिए अनुबंध हस्ताक्षरित किए गए।

प्रदेश सरकार की ओर से ऊर्जा विभाग के निदेशक हरिकेश मीणा, एनएचपीसी की ओर से महाप्रबंधक (विद्युत) सुरेश कुमार तथा बीबीएमबी के सचिव सतीश कुमार सिंगला ने अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए। चम्बा जिले के किलाड़ में डुगर परियोजना का निर्माण एनएचपीसी तथा मण्डी जिला में बग्गी परियोजना का निर्माण बीबीएमबी द्वारा किया जाएगा।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि डुगर जल विद्युत परियोजना की अनुमानित लागत 3987.34 करोड़ रुपये है। इस परियोजना के आरंभ होने के बाद 1795 मिलियन यूनिट वार्षिक विद्युत उत्पादन होगा। परियोजना निर्माता द्वारा परियोजना प्रभावित क्षेत्र में स्थानीय क्षेत्र विकास निधि के अंतर्गत लगभग 59.81 करोड रुपये का योगदान दिया जाएगा।

इस परियोजना का निर्माण कार्य शुरू होने के बाद 71 माह में पूर्ण कर लिया जाएगा। इस जल विद्युत परियोजना का आवंटन 7 अगस्त 2018 को एनएचपीसी को किया गया था तथा समझौता ज्ञापन 25 सितंबर 2019 को हस्ताक्षरित किया गया था। 26 अप्रैल 2022 को केंद्र सरकार ने इस परियोजना की विस्तृत रिपोर्ट को तकनीकी स्वीकृति प्रदान की।

जय राम ठाकुर ने कहा कि बग्गी जल विद्युत परियोजना की अनुमानित लागत 284.87 करोड रुपये है। इस परियोजना के आरंभ होने के बाद वार्षिक 135.6 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन होगा। परियोजना निर्माता द्वारा परियोजना प्रभावित क्षेत्र में स्थानीय क्षेत्र विकास निधि के अंतर्गत 4.21 करोड़ रुपये का योगदान दिया जाएगा।

इस परियोजना का निर्माण कार्य शुरू होने के उपरांत 30 माह में पूर्ण कर लिया जाएगा। बग्गी जल विद्युत परियोजना का आवंटन 10 जुलाई, 2019 को बीबीएमबी को किया गया था तथा समझौता ज्ञापन 8 नवम्बर, 2019 को हस्ताक्षरित किया गया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजनाओं के कार्यान्वयन अनुबंध में 70 वर्षों के लिए बग्गी जल विद्युत परियोजना से 12 प्रतिशत व डुगर जल विद्युत परियोजना से 4 प्रतिशत से 25 प्रतिशत मुफ्त बिजली सरकार को प्रदान करने का प्रावधान किया गया है।

योजना प्रभावित परिवारों को 10 वर्षों तक 100 यूनिट विद्युत प्रतिमाह मुफ्त प्रदान की जाएगी। इन परियोजनाओं के निर्माण से लगभग 4300 लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त होगा।

उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं के संचालित होने के उपरांत एक प्रतिशत अतिरिक्त बिजली के विक्रय से प्राप्त राजस्व को परियोजना प्रभावित क्षेत्र के पात्र परिवारों को नकदी के रूप में परियोजना के जीवनकाल तक प्रदान किया जाएगा।

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