शिमला। प्रदेश सरकार राज्य की खराब आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए सभी नीतियों और कार्यक्रमों में वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित कर रही है। यह प्रयास किया जा रहा है कि फिजूलखर्ची पर रोक लगा कर राजस्व अर्जन के लिए दृढ़ प्रयास किए जाएं।
प्रदेश सरकार के राज्य कर एवं आबकारी विभाग ने इस दिशा में अनेक महत्वाकांक्षी प्रयास किए हैं। आबकारी नीति में भी सकारात्मक बदलाव किए गए हैं।
वर्ष 2023-24 के लिए प्रदेश मंत्रिमंडल द्वारा नई आबकारी नीति को स्वीकृति प्रदान की गई है।
इसमें राजस्व में पर्याप्त वृद्धि के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों से शराब की तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए नवोन्मेषी प्रयास किए गए हैं। इस नीति में बागवानों की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए फलों के आसवन द्वारा निर्मित उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए भी प्रावधान किए गए हैं।
नई आबकारी नीति में ऑनलाइन टूल्स द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि लोगों को असली उत्पाद उपलब्ध करवाए जाएं और अवैध कारोबार पर भी रोकथाम लगाई जा सके।
इस दिशा में एक प्रभावी ऑनलाइन एंड-टू-एंड आबकारी प्रशासन प्रणाली अपनाई जाएगी जिसके माध्यम से वास्तविक समय में निगरानी की सुविधा उपलब्ध होगी।
प्रदेश सरकार द्वारा नई आबकारी नीति में राजस्व अर्जन में बढ़ोतरी की दिशा में भी कई नवीन प्रयास किए गए हैं। राज्य में खुदरा आबकारी दुकानों की नीलामी एवं निविदा की प्रक्रिया से पारदर्शिता के साथ-साथ राजस्व अर्जन में भी आशातीत वृद्धि की उम्मीद व्यक्त की जा रही है।