शिमला। करुणामूलक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार का कहना है कि रात को भारी बर्फबारी के कारण भी हमारा हौसला नहीं टूटा है। जब तक सरकार हमारे बारे में फैसला नहीं लेती हम घर वापिस नही लौटेंगे और तब तक हम इसी तरह क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे रहेंगे।
इस दौरान किसी भी करुणामूलक आश्रित को कुछ भी होता है तो सारी जिम्मेदारी सरकार व प्रशासन की होगी।
अजय कुमार का कहना है क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हमें 178 दिन हो गए हैं। सरकार ने कैबिनेट में class -D के लिए निर्णय लिया लेकिन अभी class -D की नोटिफिकेशन सरकार द्वारा जारी नहीं की गई है।
सरकार जल्द class -D की नोटिफिकेशन जारी करे और आगामी कैबिनेट मे class -C के लिए कोई निर्णायक फैसला लिया जाए।
अध्यक्ष अजय कुमार साफ साफ कह दिया है कि करुणामूलक संघ की क्रमिक भूख हड़ताल को 178 दिन हो चुके हैं और जब तक क्लास – C का नहीं हो जाता क्रमिक भूख हड़ताल जारी रहेगी।
अगर प्रदेश सरकार आगामी कैबिनेट में इन परिवारों के हित में फैसला नहीं लेती तो उग्र आंदोलन होगा और संघ चुप नहीं बैठेगा, जिसमें सारी जवाबदेही वर्तमान सरकार की होगी।
इन पीड़ित परिवारों का कहना है कि हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर इन करुणामूलक परिवारों के हित में फैसला क्यों नहीं ले रहे। हमने अपने परिवार का सदस्य खोया है। वर्तमान सरकार के अड़ियल रवैये के कारण आज करुणामूलक परिवार 178 दिनों से क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हैं परंतु सरकार इनकी तरफ नहीं देख रही।
एक तो इन परिवारों ने अपने घर का सदस्य खोया है, ऊपर से इन परिवारों पर सरकार कोई फैसला नहीं ले पा रही। इन परिवारों का कहना है कि हमारा कसूर क्या है।
अगर देश के अन्य राज्य करुणा और मृत्यु की वरिष्ठता के आधार पर 3 या 6 महीने के अंदर नौकरी दे सकते हैं तो प्रदेश सरकार क्यों नहीं।
करुणामूलक परिवारों का कहना है कि सरकार की गलत नीतियों और पॉलिसी के कारण यह परिवार 15 से 20 सालों से नौकरी का इंतजार कर रहे हैं परंतु सरकार अभी भी इनकी सुध नहीं ले रही और अपने चहेतों को नौकरियां दे रही है।
सरकार की अपनी मनमानी के कारण अब यह परिवार सड़कों पर उतर आए हैं और उनका कहना है कि या वर्तमान सरकार हमें नौकरी दे अन्यथा हम इसी तरह भूख हड़ताल पर बैठे रहेंगे चाहे हमें मरना भी पड़े, हम नहीं उठेंगे।
करुणामूलक संघ के अध्यक्ष अजय कुमार का कहना है कि लगभग 178 दिनों से यह करुणामूलक परिवार कालीबाड़ी मंदिर के पास एक वर्षा शालिका में क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हैं परंतु सरकार इनके प्रति उदासीन है। शरद ऋतु भी आधी हो गई है परंतु सरकार इन के हक में कोई फैसला नहीं ले पा रही है
इनकी मुख्य मांगे हैं
1) समस्त विभागों, बोर्डों, निगमों में लंबित पड़े करुणामूलक आधार पर दी जाने वाली नोकरियों के Class-C केसों को आगामी कैबिनेट में लाया जाए व उनको One Time Settlement के तहत एक साथ नियुक्तियाँ दी जाएं।
2) 62500 सालाना आय शर्त को हटाया जाये, ताकि जो करुणामूलक आश्रित पॉलिसी से बाहर जा रहे हैं, उनको भी राहत मिल सके।