शिमला। अस्पतालों में रोजमर्रा में ईलाज के लिये दवाओं से ज्यादा मरीज़ों के खून व दूसरे टेस्टस् यानी निदान (Diagnosis) के लिये बहुत ज्यादा खर्चा उठाना पड़ता है।
इससे भी ज्यादा परेशानी इस बात से भी कि ये सभी टेस्ट एक जगह नहीं होते और महंगे होने के साथ इन्हें बाहर भेजना पड़ता है और खर्चे के साथ-साथ सही ईलाज का समय भी जाया हो जाता है।
मरीजों की लंबी लाईनें, फिर टेस्ट ट्यूब की लाईनें, फीस जमा कराने की लंबी लाईनें और फिर रिपोर्ट लेने की अलग कतारें।
इन सब समस्याओं के हल के लिये हिमाचल प्रदेश सरकार ने स्वास्थ विभाग के माध्यम से पूरे प्रदेश में हर नागरिक के लिये “फ्री डायग्नॉस्टिक सर्विसेस ” सेवा प्रारम्भ की है।
इस एतिहासिक फ्री डायग्नॉस्टिक सेवा के प्रारम्भ होने से जहाँ अत्याधुनिक मशीनों से होने वाले टेस्ट की रिपोर्ट तुरंत मिलेगी वहीं किसी को कोई भी पैसा नहीं चुकाना होगा।
सरकार द्वारा हर अस्पताल के स्तर के अनुसार निर्धारित टेस्टस् की सूची निश्चित की गयी है जिसके अनुसार प्रदेश के सभी 6 मेडीकल कालेज, जोनल अस्पतालों, क्षेत्रीय अस्पतालों, ज़िला अस्पतालों में लगभग 133 प्रकार के टेस्ट फ्री होंगे।
वहीं प्रदेश भर के नागरिक अस्पतालों में 110 प्रकार व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (CHC) में 96 प्रकार के टेस्ट फ्री होंगे और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) में 63 प्रकार के टेस्ट फ्री में होंगे।
इसमें क्रसना डायग्नॉस्टिक सर्विस प्रोवाइडर है।
इससे पहले प्रदेश में एस आर एल लैब सर्विसेस प्रोवाइड कर रही थी पर यह सिर्फ 24 जगहों पर काम कर रही थी जिसमे प्रदेश के दो बड़े मेडिकल कालेजों आईजीएमसी शिमला व राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज कांगड़ा में यह लैब स्थापित थीं और ज़िला क्षेत्रीय अस्पतालों के अलावा नागरिक अस्पतालों तक एस आर एल सेवा दे रही थीं।
अन्य 4 मेडिकल कालेजों में यह सेवा नहीं थी क्योंकि ये चारों मेडिकल कालेज बाद में स्थापित हुये थे। यह सेवा एक सीमित दर पर पेड सेवा थी, फ्री नहीं थी।
क्रसना इन 24 जगहों के अलावा अब पूरे प्रदेश में यह सेवाएं देगी और सब के लिये यह सेवा ( रोजमर्रा में ज्यादातर होने वाले टेस्टस्) के लिये फ्री होगी, जिसका खर्चा सरकार वहन करेगी।
अब यह एतिहासिक सेवा “फ्री डायग्नॉस्टिक सर्विसेस” शुरू होने जा रही है जिससे आम जनमानस को बहुत बड़ी सुविधा सरकार की ओर से प्रदेश के हर क्षेत्र के हर एक नागरिक को मिलने वाली है।
इस ऐतिहासिक सुविधा से जहाँ हर स्तर पर निदान व ईलाज आसानी से संभव होगा वहीं आम जनमानस की अस्पतालों में टेस्टस् के लिये खर्च होने वाले हजारों रुपयों की बचत भी होगी।
सौजन्य
डॉ रमेश चंद
उपनिदेशक स्वास्थ्य,