मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर करें यह उपाय, घर में बनी रहेगी शांति

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आज का हिन्दू पंचांग

दिनांक – 17 दिसम्बर 2021

दिन – शुक्रवार

विक्रम संवत – 2078

शक संवत -1943

अयन – दक्षिणायन

ऋतु – हेमंत

मास – मार्ग शीर्ष मास

पक्ष – शुक्ल

तिथि – चतुर्दशी पूर्ण रात्रि तक

नक्षत्र – कृत्तिका सुबह 10:41 तक तत्पश्चात रोहिणी

योग – सिद्ध सुबह 08:14 तक तत्पश्चात साध्य

राहुकाल – सुबह 11:14 से दोपहर 12:35 तक

सूर्योदय – 07:10

सूर्यास्त – 17:59

दिशाशूल – पश्चिम दिशा में

व्रत पर्व विवरण – चतुर्दशी वृद्धि तिथि

विशेष –

चतुर्दशी और पूर्णिमा के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)

ससुराल में तकलीफ़ हो तो

सुहागन देवियाँ को अगर ससुराल में बहुत कष्ट है, अपनी शुभ मनोकामनाएं पूरी न होने की पीड़ा है, उनके लिए महर्षि अंगीरा के बताये अनुसार मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को माँ पार्वती का स्मरण करते हुए उनको मन ही मन प्रणाम करें। ”

हे माँ मैं अपने घर में सुख। शांति और समृद्धि की वृद्धि हेतु ये व्रत कर रही हूँ “। सुबह ये संकल्प करें और ११ मंत्र से माँ पार्वती को प्रणाम करें।

ॐ पार्वतये नमः

ॐ हेमवत्ये नमः

ॐ अम्बिकाय नमः

ॐ गिरीश वल्लभाय नमः

ॐ गंभीर नाभ्ये नमः

ॐ अपर्नाये नमः

ॐ महादेव्यै नमः

ॐ कंठ कामिन्ये नमः

ॐ क्षण मुखाये नमः

ॐ लोक मोहिन्ये नमः

ॐ मेनका कुक्षी रत्नाये नमः

ये 11 नाम कम से कम एक बार तो बोल ही लेना, ज्यादा भी बोल सकतें है । जो बहनें ये न कर पायें तो उनकी ओर से घर का कोई भी व्यक्ति उसके लिए कर सकता है और प्रार्थनाा करे कि इसका पुण्य उन्हें पहुंचे उनके घर में भी सुख शांति बनी रहे।

विशेष

18 दिसम्बर शनिवार को सुबह 7:25 से 19 दिसम्बर, रविवार को सुबह 10:05 तक मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा है।

बलवर्धक

२ से ४ ग्राम शतावरी का चूर्ण गर्म दूध के साथ ३ माह तक सेवन करें इससे शरीर में बल आता है, साथ ही नेत्र ज्योति भी बढ़ती है।

सुबह उठते वक्त

सुबह उठकर जो ” ॐ ब्रह्मणे नमः ” ” ॐ ब्रह्मणे नमः” गुरु साक्षात् ब्रह्म स्वरुप है। गुरु का स्मरण करते हुए ” ॐ ब्रह्मणे नमः ”

ऐसा जो मन में बोलता है, और वंदन करता है वो समस्त तीर्थो में स्नान करने और समस्त यज्ञो में भाग लेने का पुण्य प्राप्त करता है।

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