महामारी के दौरान प्रभावित नहीं होंगी गैर-कोविड स्वास्थ्य सेवाएं

Spread with love

शिमला। कोविड महामारी के दौरान मातृ, नवजात और बच्चे की देखभाल, डायलिसिस, क्षयरोग, एचआईवी, स्वैच्छिक रक्तदान आदि गैर-कोविड स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित न हों, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग हर संभव प्रयास कर रहा है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डाॅ निपुण जिंदल ने आज यहां कहा कि प्रदेश के सभी अस्पतालों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों व चिकित्सा अधीक्षकों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं कि वे किसी भी मरीज की कोविड रिपोर्ट नेगेटिव आने के इंतजार में आवश्यक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में देरी न करें।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने वाले सभी कर्मियों को अपने कार्य के दौरान सावधानियों का पालन करना चाहिए।

इसके अलावा, संक्रमण नियंत्रण प्रक्रियाओं का भी पालन किया जाना चाहिए और स्वयं का भी कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण करवाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि अस्पताल में मरीज को स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिलने का कोई भी मामला पाया जाता है तो उस संबंध में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

मिशन निदेशक ने कहा कि उच्च गुणवत्ता वाली मातृ स्वास्थ्य सेवाएं और मार्गदर्शन चार्ट के अनुसार सभी गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान नियमित जांच की सुविधा प्रदान की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं व एएनएम आदि के माध्यम से गर्भवती महिलाओं की देखभाल के लिए योजना बनाई जानी चाहिए। उन्हें गर्भवती महिलाओं के साथ निरन्तर सम्पर्क में रहना चाहिए ताकि आवश्यकता पड़ने पर उन्हें निकटतम स्वास्थ्य संस्थान में स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करवाई जा सके।

गर्भवती महिलाओं को अनावश्यक रूप से दूसरे लोगों से सम्पर्क में आने से बचना चाहिए और जांच के लिए अस्पताल आने के दौरान उन्हें कोविड अनुरूप व्यवहार करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

गर्भवती महिलाओं की जांच प्राथमिकता के आधार पर की जानी चाहिए और उन्हें नियमित मरीजों से अलग रखा जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य अधिकारियों को गर्भवती महिलाओं को प्रसूति रोग विशेषज्ञ के साथ टेली-परामर्श की व्यवस्था की जानी चाहिए।

यदि किसी गर्भवती महिला में कोविड-19 के लक्षण पाए जाते हैं तो उनके कोविड सैंपल घर से या किसी स्वास्थ्य संस्थान में उनकी स्वास्थ्य स्थिति का उचित मूल्यांकन करने के उपरान्त लिए जाने चाहिए।

यदि गर्भवती महिला में फ्लू के लक्षण पाए जाते हैं और कोविड-19 टेस्ट नेगेटिव आता है तो नियमित अल्ट्रासांउड सहित अन्य प्रकार की स्वास्थ्य जांच 14 दिनों तक नहीं की जानी चाहिए।

यदि गर्भवती महिला का कोविड टेस्ट पाॅजिटिव पाया जाता है तो समर्पित कोविड स्वास्थ्य संस्थान में उसका प्रसव करवाया जाना चाहिए जिसके बारे में पहले ही दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 गर्भवती महिलाओं की प्रसूति की बेहतर व्यवस्था के लिए हर सम्भव प्रयास किए जा रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: