महामारी के कारण जीवनशैली में बदलाव के कारण भारतीयों ने स्वस्थ उम्र बढ़ने का समर्थन करने वाली आदतों को अपनाया

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70% से अधिक लोग अब पहले से अधिक पोषक तत्वों का कर रहे सेवन

नई दिल्ली। विश्व खाद्य दिवस और राष्ट्रीय पोषण माह 2022 को ध्यान में रखते हुए पेप्सिको इंडिया ने अपने ब्रांड क्वेकर और लंदन स्थित दिग्गज मार्केट रिसर्च कंपनी यूरोमॉनिटर इंटरनेशनल के माध्यम से ‘लाइफस्टाइल च्वाइस ऐंड एजिंग परसेप्शन ऑफ अर्बन इंडिया’ पर एक रिसर्च स्टडी जारी की है।

रिपोर्ट के लॉन्च के बाद भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के सहयोग से एक पैनल चर्चा हुई, जिसमें प्रमुख निष्कर्षों और बेहतर स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए उम्र बढ़ने के सात स्वस्थ आदतों को शामिल करने के महत्व के बारे में बताया गया।

पैनल चर्चा में सेलिब्रिटी शेफ और क्वेकर के ब्रांड एंबेसडर विकास खन्ना, एशियन पैरा गेम्स गोल्ड मेडलिस्ट और टोक्यो पैरालंपिक- एकता भान, पेप्सिको इंडिया में मार्केटिंग फूड्स के सीनियर डायरेक्टर अंशुल खन्ना और हेल्थ एंड वेलनेस कंसल्टेंट और वेल्जी के संस्थापक एवं सीईओ प्रीति राव जैसे प्रख्यात नाम शामिल थे।

दिल्ली विश्वविद्यालय में खाद्य प्रौद्योगिकी विभाग के प्रोफेसर डॉ. एराम राव और गोटोशेफ के संस्थापक और सीईओ कवनीत साहनी मौजूद रहे। इन्हीं के देखरेख में सेशन का संचालन किया गया।

रिपोर्ट से पता चला है कि Gen X के 82% दर्शक (यानी, 41 साल और उससे अधिक उम्र के लोग) अपनी उम्र या उससे कम का महसूस करते हैं, जबकि Gen Z के 40% (यानी, 18-25 साल की उम्र) और 46% मिलेनियल ऑडियंस (यानी, 26-40 वर्ष की आयु) अपनी वर्तमान आयु से अधिक उम्र महसूस करते हैं।

कम ऊर्जा, थकान और खराब इम्यूनिटी वो आंतरिक कारक हैं जो लोगों को अपनी उम्र से अधिक का महसूस कराते हैं। दिलचस्प बात यह है कि डेटा से यह भी पता चलता है कि 40% से अधिक Gen X कभी भी नाश्ता नहीं छोड़ते हैं, जबकि व्यस्त सुबह और काम के लंबे घंटे युवा लोगों के नाश्ते के पैटर्न को प्रभावित करते हैं, जिसमें 50% से अधिक Gen Z और 61% मिलेनियल्स नाश्ते को छोड़ देते हैं। हालांकि, महामारी के बाद से 82% ने सेहतमंद जीवन की दिशा में अधिक पौष्टिक नाश्ता विशेष रूप से मल्टीग्रेन जैसे ओट्स को शामिल करना शुरू कर दिया है।

भारतीय उपभोक्ताओं की भलाई को बेहतर ढंग से समझने के लिए किए गए सर्वेक्षण में यह भी बताया गया है कि महामारी के बाद से, 90% से अधिक उत्तरदाताओं ने सेहतमंद जीवन जीने में मदद करने वाली आदतों को अपनाना शुरू कर दिया है। भारतीय अब पाचन में सुधार लाने, तनाव के स्तर को कम करने और प्रतिरक्षा बढ़ाने के प्रति अधिक जागरूक हो गए हैं।

अध्ययन बताता है कि 70% से अधिक उत्तरदाताओं ने अब अधिक पोषक पदार्थों का सेवन शुरू किया है, 44% उत्तरदाता प्रतिदिन विटामिन/सप्लीमेंट्स का सेवन कर रहे हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि नाश्ता दिन का सबसे महत्वपूर्ण भोजन होता है। 82% उत्तरदाताओं ने अपनी सेहत से जुड़ी आदतों में अधिक पौष्टिक नाश्ते को शामिल करने की बात कही है।

लॉन्च इवेंट में बोलते हुए, सेलिब्रिटी शेफ और क्वेकर के ब्रांड एंबेसडर, विकास खन्ना ने कहा, “युवा पीढ़ी को बेहतर स्वास्थ्य के प्रति गंभीर प्रयास करते हुए और अपने रोजाना के जीवन में अधिक पोषण को शामिल करने के तरीकों की तलाश करते हुए देखना बहुत ही उत्साहजनक है। महामारी बिल्कुल नए तरीके से फूड कम्युनिटी को एक साथ लेकर आई है, यह फिट रहने और बेहतर खाना खाने की कोशिशों में एक-दूसरे की मदद भी कर रहे हैं।

हमने देखा है कि दुनिया भर के शेफ्स दिलचस्प और मजेदार व्यंजनों के साथ बातचीत में शामिल हो रहे हैं, इसके साथ ही बेहतर खाने को बढ़ावा मिल रहा है। क्वेकर के साथ अपने लंबे संबंधों के साथ, मेरा लक्ष्य है कि मैं लोगों को ऐसे पौष्टिक और स्वादिष्ट व्यंजन उपलब्ध कराउं, जो आज की युवा पीढ़ी को भी पसंद आए। सेहतमंद जीवन का सफर शुरू करने वालों के लिए रोजमर्रा के जीवन में पौष्टिक नाश्ते को शामिल करना बेहद जरूरी है। मैं खुद भी व्यक्तिगत रूप से नाश्ते को दिन का सबसे महत्वपूर्ण भोजन मानता हूं।

अध्ययन के निष्कर्षों के बारे में बात करते हुए, सोनम विज, एसोसिएट डायरेक्टर और कैटेगरी लीड – क्वेकर पोर्टफोलियो, पेप्सिको इंडिया ने कहा, “सर्वेक्षण ने हमें बढ़ती उम्र को लेकर भारतीयों की सोच पर गहरी जानकारी प्रदान की है। अध्ययन के अनुसार, जेन एक्स सेहतमंद रुटीन का पालन करके खुद को युवा महसूस कर रहा है और यंग इंडिया अपनी आधुनिक जीवनशैली के साथ अपनी मौजूदा उम्र से बूढ़ा महसूस कर रहा है। हालांकि, 90% से अधिक उत्तरदाताओं के बीच अपने रोजमर्रा के जीचन में सेहतमंद आदतों को शामिल करने और जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में बदलाव करते हुए देखना हमारे लिए एक अच्छी बात थी।

नाश्ता दिन का सबसे महत्वपूर्ण भोजन है। सर्वेक्षण से पता चला है कि ओट्स और अनाज उन लोगों के लिए पसंदीदा विकल्प हैं जो अपने रोजमर्रा के जीवन में सेहतमंद नाश्ते को शामिल करने की दिशा में काम कर रहे हैं। हमारे लिए यह बहुत खुशी की बात है कि, सर्वेक्षण में यह भी पता चला है कि क्वेकर ओट्स भारत भर में सबसे अधिक खाए जाने वाले नाश्ते में से एक

यूरोमॉनिटर इंटरनेशनल के सलाहकार दिलीप राधाकृष्ण ने कहा, “18 से 40 वर्ष के आयु वर्ग के भारतीय मुख्य रूप से कम पोषक तत्व लेने के कारण अपनी वर्तमान आयु से अधिक उम्र के महसूस करते हैं। हालांकि, महामारी के बाद से 90% लोगों ने सेहतमंद आदतों को शामिल करना शुरू कर दिया है और 70% से अधिक अब ज्यादा पोषक तत्वों का सेवन कर रहे हैं।

लोगों का मानना है कि सब्जियों, फलों और साबुत अनाज के अधिक सेवन से उनकी सेहत में सुधार होगा। अधिकांश लोगों का मानना है कि ब्रेकफास्ट सीरियल्स जैसे कि ओट्स, लंबे वक्त तक ऊर्जा प्रदान करते हैं और पाचन से जुड़ी समस्याओं को हल करते हैं। वास्तव में, जो लोग साबुत अनाज लेते हैं, वे औसतन 1-2 सर्विंग पर मील के आधार पर इसका सेवन हर दिन या सप्ताह में हर दूसरे दिन करते हैं।”

यह रिसर्च देश के चार प्रमुख महानगरों यानी दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर और कोलकाता में रहने वाले 18 वर्ष एवं इससे अधिक उम्र के 1,000 से अधिक उत्तरदाताओं के साथ की गई थी।

सेहत को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों को समझने पर ध्यान देने के साथ, अध्ययन ने अच्छी सेहत में मदद करने वाले तत्वों और बाधाओं की पहचान करने में भी मदद की है। इस अध्ययन से सेहत एवं खुशहाली, ऊर्जा और वजन को नियंत्रित रखने के प्रति भारतीयों के बदलते व्यवहार का भी पता चला है। बेहतर सेहत की दिशा में ये सभी बेहद महत्वपूर्ण हैं।

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