शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज को बताया दबंग-धाकड़, सभागार में जमकर लगे ठहाके
शिमला। कोरोना महामारी ने हर वर्ग और क्षेत्र को प्रभावित किया. भले ही वैक्सीनेशन की वजह से कोरोना का खतरा कम हो गया हो, लेकिन कोरोना की वजह से मिला दुःख-दर्द गाहे-बगाहे सामने आता ही रहता है।
ऐसा ही दु:ख शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस के मौके पर बयां किया।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के 53 स्थापना दिवस के मौके पर संबोधन के दौरान शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि जब साल 2020 में उन्हें शिक्षा मंत्रालय का प्रभार मिला, तो उस समय कोरोना था।
दो साल तो कोरोना की वजह से ही खराब हो गए। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग एक ऐसा विभाग है, जहां काम करने का मजा आता है।
कभी-भी किसी-भी स्कूल या कॉलेज में जाकर विद्यार्थियों के साथ संवाद किया जा सकता है, लेकिन कोरोना की वजह से स्कूल ही बंद रहे। ऐसे में शिक्षा विभाग में कुछ ज्यादा करने के लिए मिला नहीं.
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि अध्यापक कभी बूढ़े नहीं होते, क्योंकि वह हमेशा जवां दिलों वाले विद्यार्थियों के साथ रहते हैं। उन्होंने कहा कि आजकल बच्चों के पास इस अद्भुत आइडिया होते हैं।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षण संस्थान बंद होने की वजह से न केवल विद्यार्थी परेशान हुए बल्कि अध्यापक भी काफी परेशान रहे।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि कोरोना की वजह से सभी काम वर्चुअली करने पड़े, लेकिन जो मजा एक्चुअल रूप में है वह वर्चुअल रूप में नहीं।
उन्होंने शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज को दबंग बताया जिस पर सभागार में खूब ठहाके गूंजे।