हैदराबाद। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने शनिवार को देशभर के 26 राज्यों से आए करीब 100 किसान संघों के नेताओं के साथ बैठक कर तेलंगाना में हुए विकास और देश भर में किसानों की समस्या पर विस्तृत विचार विमर्श किया। किसान नेताओं ने कृषि, सिंचाई क्षेत्र आदि में तेलंगाना की प्रगति पर बनी एक डॉक्यूमेंट्री देखी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कहा कि हमारे देश की आज़ादी के 75 साल बाद भी, हमें उन कारणों का पता लगाना होगा कि केंद्र सरकार का शासन लोगों की आकांक्षाओं को पूरा नहीं कर पाया है।
स्वतंत्रता संग्राम की समाप्ति के दशकों बाद भी, हम सभी को यह सोचना होगा कि क्यों देश के कई वर्ग अभी भी अपनी आकांक्षाओं और अधिकारों को पूरा करने के लिए लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। हम सभी को चर्चा करनी चाहिए कि देश में किसानों की समस्याओं का समाधान क्यों नहीं हो रहा है और इस देश के शासक क्यों विफल हो रहे हैं?
सीएम केसीआर ने कहा कि यह हम सभी के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है कि विधानसभाओं में लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप काम करने वाले लोगों की उपेक्षा की जा रही है और देश के शासक लोगों के लिए काम करने वालों को परेशानी में डाल रहे हैं।
सीएम केसीआर ने कहा कि देश को ऐसे हालात से निकालने के लिए जनता का कल्याण चाहने वाली ताकतों को संघर्ष करना होगा। उन्होंने कहा कि उन्हें इन सभी बाधाओं को पार करना होगा और लक्ष्य तक पहुंचने के लिए एकता हासिल करनी होगी।
“भारत में, प्राकृतिक संसाधन और कृषि योग्य भूमि भगवान का उपहार है। भारत के पास अमेरिका और चीन जैसे किसी भी अन्य देश की तुलना में बहुत अधिक जल संसाधन, कृषि योग्य भूमि और मानव संसाधन हैं। देश में कुल 40 हजार करोड़ एकड़ कृषि योग्य भूमि है। इन जमीनों की खेती के लिए सिर्फ 40 हजार टीएमसी पानी की जरूरत होती है।
पीने के पानी के लिए 10 हजार टीएमसी पर्याप्त है। भले ही हमारे देश में हजारों टीएमसी जल स्रोत उपलब्ध हैं, फिर भी देश के लोगों को अभी भी सिंचाई और पीने के पानी के लिए इंतजार क्यों करना पड़ता है।
ऐसे में हमारे देश में 4 लाख मेगावाट बिजली पैदा करने की क्षमता है। हालांकि, हम 2 लाख मेगावाट बिजली का भी उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। जब नवगठित राज्य तेलंगाना सभी किसानों को मुफ्त बिजली और सिंचाई का पानी उपलब्ध करा रहा है, तो केंद्र पूरे देश में इसे लागू क्यों नहीं करता है? क्या तेलंगाना की तर्ज पर देश में कहीं भी किसान मंच हैं जहां किसान बैठकर बात कर सकते हैं? इस देश में कृषि संकट क्यों है? किसानों की आत्महत्या क्यों जारी है?
यह वह समय है जब हमें विश्लेषण और चर्चा करने की आवश्यकता है कि केंद्रीय शासक उपेक्षा क्यों कर रहे हैं। हमें किसान और कृषि के कल्याण की दिशा में कदम उठाने होंगे, जो हमारे देश के संसाधनों का उचित उपयोग करके देश के कल्याण को गुणात्मक रूप से विकसित करेगा।
तेलंगाना सहित दिल्ली, ओडिशा, गुजरात, केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पंजाब, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, झारखंड, राजस्थान, बिहार, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, कर्नाटक, असम, मिजोरम, मेघालय, मणिपुर, नागालैंड, पांडिचेरी, दादानगर हवेली और अन्य राज्यों में दशकों से कृषि और किसान कल्याण के लिए संघर्ष कर रहे कई वरिष्ठ किसान संघ नेताओं सहित लगभग 100 लोगों ने इस बैठक में भाग लिया।
देश के 26 राज्यों से आए किसान संघों के नेताओं ने तेलंगाना के कृषि, सिंचाई और बिजली क्षेत्र के विकास और तेलंगाना सरकार द्वारा लागू किसान कल्याण कार्यक्रमों सहित कई क्षेत्रों में हुई प्रगति का दोदिनों तक अध्यनकिया।
किसान संघों के नेताओं ने कहा कि अगर उनके राज्यों में भी इसी तरह की किसान कल्याण योजनाएं होतीं तो उनका भी काफी विकास होता। किसान नेताओं ने कहा कि सीएम केसीआर न केवल तेलंगाना के बारे में बल्कि उनके राज्यों के किसानों के बारे में भी सोचें।