हमीरपुर। पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू को सार्वजनिक रूप से यह स्पष्ट करना चाहिए कि कौड़ियों के भाव की जमीन प्रदेश सरकार ने करदाताओं का पैसा लुटाते हुए सोने के भाव कैसे खरीद ली और इस पूरे घोटाले में जो अधिकारी और राजनेता शामिल हैं, उन्हें प्रदेश में किसका संरक्षण प्राप्त है।
आज यहां जारी एक बयान में राजेंद्र राणा ने कहा कि वह केंद्र सरकार से भी सबूतों सहित पत्राचार करके यह मांग कर रहे हैं कि नादौन में 2 लाख 62 लाख रुपए में जिस जमीन की रजिस्ट्री हुई थी, वह जमीन सरकार के परिवहन विभाग ने 6 करोड़ 82 लाख रुपए में कैसे खरीद ली।
उन्होंने सवाल उठाया कि क्या एचआरटीसी ने यह जमीन खरीदने की प्रपोजल प्रदेश सरकार को दिया था और क्या एचआरटीसी के निदेशक मंडल ने इसकी खरीद की अप्रूवल दी थी और क्या प्रदेश के परिवहन मंत्री ने फाइल पर इसकी मंजूरी दी थी।
उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारियों ने किसके कहने पर कौड़ियों के भाव की जमीन सोने के भाव खरीद ली, इसका खुलासा होना चाहिए। सरकारी खजाने को चपत लगाने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई भी होनी चाहिए।
राजेंद्र राणा ने तंज करते हुए कहा कि ईमानदारी का ढोल पीटने वाले ही भ्रष्टाचार और घोटालों के इस खेल में शामिल हैं और और प्रदेश की जनता के खून पसीने की गाड़ी कमाई को इस तरह लुटाया जा रहा है। राजेंद्र राणा ने कहा कि प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन का राग अलापने वाले सरकार के मुखिया यह बताएं कि इतने बड़े स्तर पर हो रहे भ्रष्टाचार को किसका संरक्षण प्राप्त है।
राजेंद्र राणा ने कहा कि वह केंद्र सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि जमीन घोटाले में कौन से अधिकारी, मंत्री और राजनेता शामिल हैं, इसकी केंद्रीय एजेंसियों से जांच करवा कर दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए ताकि देवभूमि को घोटालो से कलंकित करने वालों को करारा सबक मिल सके।
राजेंद्र राणा ने कहा कि सरकार के इशारे पर पुलिस और प्रशासन के जो अति उत्साही अधिकारी कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं, समय आने पर उन्हें भी कटघरे में खड़े होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि ऐसे अधिकारी खुद को कानून से ऊपर समझने की भूल न करें ।