जनादेश का दुरुपयोग करते हुए सरकार जनता की जवाबदेही व जिम्मेदारी से रही बच : राणा

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आउटसोर्स पर कितना अमला है तैनात सरकार इसकी नहीं दे रही है सूचना

हमीरपुर। प्रदेश बीजेपी सरकार या तो सूचनाएं छिपाने व दबाने का प्रयास कर रही है या फिर विभागों से सूचनाएं लेने में नाकाम है। यह आरोप राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने लगाया है।

राजेंद्र राणा ने सरकार के खिलाफ मुखर होते हुए कहा कि सरकार बेरोजगारों व पढ़े-लिखे युवाओं का आउटसोर्स के नाम पर शोषण का गुनाह कर रही है जिसकी सजा सरकार को प्रदेश की युवा शक्ति देगी और जरूर देगी।

राणा ने कहा कि बीते बजट सैशन में प्रदेश सरकार से आउटसोर्स पर भर्ती किए गए अमले की जानकारी मांगी गई थी ताकि प्रदेश की जनता के सामने युवाओं से आउटसोर्स के नाम पर साजिश का पर्दाफाश हो सके।

सरकार की यह नीति आउटसोर्स पर कर्मचारी सप्लाई करने वाली कंपनियों की तिजोरियां प्रदेश के युवाओं की मेहनत के शोषण के दम पर खूब भर रही है जबकि प्रदेश का युवा इस साजिश के चलते कुंठित हो कर हताश व निराश हो रहा है।

राणा ने कहा कि हैरानी यह है कि सरकार का रवैया इतना गैर जिम्मेदाराना व गैर-लापरवाह है कि इस बजट सैशन में सरकार ने जवाब में चुने हुए विपक्ष के विधायकों को यह जवाब दिया है कि सरकार अभी इस मामले में सूचनाएं एकत्रित करने में लगी है।

सरकार की लचर कारगुजारी का अंदाजा उनके इस जवाब से लगाया जा सकता है। एक अन्य प्रश्न का जवाब जो सिर्फ सरकार को हां या ना में देना है उस पर भी सरकार कोई जवाब नहीं दे पा रही है।

राणा ने कहा कि सरकार से पूछा गया था कि उन्होंने अनुबंध पर रखे गए कर्मचारियों को रेगुलर करने की समय अवधि तीन वर्ष से घटाकर दो वर्ष करने का जो वायदा बीजेपी ने किया था, सरकार उसको लागु कब कर रही है।

यह जवाब भी सरकार से विधानसभा में देते नहीं बना है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले अब तक सरकार किस कारण और किस मजबूरी के चलते लागु नहीं कर पा रही है। इस सवाल पर भी सरकार मौन और मूक की भूमिका में रही है।

राणा ने कहा कि इसी तरह विधानसभा में जब सरकार को यह पूछा गया कि पुलिस कर्मियों के अनुबंध समय अवधि 8 वर्ष क्यों और किस कारण से रखी गई है।

इस पर भी सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया है।जबकि पुलिस कर्मियों को वर्तमान पे स्केल के मुताबिक अतिरिक्त मेहनताने का अतिरिक्त एक माह का वेतन भी पुराने पे स्केल के आधार पर देकर सरकार पुलिस कर्मियों का शोषण कर रही है और गजब यह है कि जनादेश का दुरुपयोग करते हुए सरकार जनता की जवाबदेही व जिम्मेदारी से साफ बचना चाह रही है।

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