आज का हिन्दू पंचांग
दिनांक 14 जुलाई
दिन – बुधवार
विक्रम संवत – 2078 (गुजरात – 2077)
शक संवत – 1943
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – वर्षा
मास – आषाढ़
पक्ष – शुक्ल
तिथि – तृतीया सुबह 08:02 तक तत्पश्चात पंचमी
नक्षत्र – पूर्वाफाल्गुनी 15 जुलाई प्रातः 03:43 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी
योग – व्यतिपात दोपहर 01:27 तक तत्पश्चात वरीयान्
राहुकाल – दोपहर 12:45 से दोपहर 02:24 तक
सूर्योदय – 06:06
सूर्यास्त – 19:22
दिशाशूल – उत्तर दिशा में
व्रत पर्व विवरण –
विशेष –
चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
बुखार दूर करने हेतु
चरक संहिता के चित्किसा स्थान में ज्वार ( बुखार) की चित्किसा का विस्तृत वर्णन करने के बाद अंत में आचार्य श्री चरकजी ने कहा है
विष्णुं सहस्रमूर्धानं चराचरपतिं विभुम।
स्तुवन्नामह्स्त्रेण ज्वरान सर्वानपोहति।
हजार मस्तकवाले, चर-अचर के स्वामी, व्यापक भगवान की सहस्त्रनाम से स्तुति करने से अर्थात विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने से सब प्रकार के ज्वर छूट जाते हैं।
(पाठ रुग्ण स्वयं अथवा उसके कुटुम्बी करे )
जानिये दीपक जलाने की सही विधि, पाईए शुभ लाभ
दीपक की बत्ती या लौ पूर्व दिशा की ओर रखने से आयुवृद्धि, पश्चिम की ओर दुःखवृद्धि, दक्षिण की ओर हानि और उत्तर की ओर रखने से धन-लाभ होता है।
लौ दीपक के मध्य में रखना शुभ फलदायी है।
इसी प्रकार दीपक के चारों ओर लौ प्रज्वलित करना भी शुभ है किंतु यदि लौ की संख्या सम ( २,४,६ ….) हो तो ऊर्जा-वहन की क्रिया रुक जाती है।
लौ की संख्या विषम (१,३,५ ….) रखना लाभदायक है।