नेरवा, नोबिता सूद। राजकीय उच्च विद्यालय बाग के भवन के बीते दिनों की बारिश से धराशाई हो जाने के चार दिन बाद भी जब कोई इसकी सुध लेने नहीं पंहुचा तो इस स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों के अभिभावक भड़क उठे ।
स्कूल में पढ़ रहे 57 छात्रों ने बाग़ में एकत्रित हो कर नारेबाजी करते हुए चौपाल के विधायक,सरकार,शिक्षा विभाग और उपमंडल कुपवी के स्थानीय प्रशासन के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली । इन अभिभावकों ने आरोप लगाया है कि बीते हफ्ते हुई भारी बारिश से 25 सितम्बर को बाग़ स्कूल का भवन गिर गया था एवं इसमें रखा सारा सामान और रिकॉर्ड तक इसमें दब गया था ।
स्कूल प्रशासन और स्कूल प्रबंधन समिति ने इसकी सूचना शिक्षा विभाग के आलाधिकारियों और कुपवी प्रशासन को उसी दिन दे दी थी,परन्तु चार दिन बीत जाने के बाद भी ना तो प्रशासन और ना ही विभाग ने इस गिरे भवन की खैर खबर लेने की कोई जरूरत समझी ।
स्कूल के एसएमसी अध्यक्ष नारायण सिंह सिंघटा ने बताया कि इतना जरूर हुआ कि प्रशासन द्वारा चार दिन के बाद बुधवार को पटवारी को मौके पर भेजा गया था, जोकि छात्रों के बैठने की व्यवस्था करने में असमर्थ था एवं नुक्सान की रिपोर्ट बना कर वापस लौट गया ।
उन्होंने कहा कि शासन और प्रशासन की तरफ से उदासीनता के बाद स्कूल प्रबंधन समिति एवं स्कूल स्टाफ ने अपने स्तर पर भवन के मलबे में दबे सामान को निकाल कर इसे सुरक्षित करने का प्रयास किया है, परन्तु स्कूल प्रबंधन के समक्ष यहां छठी से दसवीं कक्षा तक पढ़ रहे 57 छात्रों की कक्षाएं लगाने की बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो गई है ।
अध्यापकों ने मजबूरी वश मंगलवार को स्कूल के समीप ही खुले में तथा बुधवार को गाँव में बने मंदिर परिसर में भी खुले आसमान के नीचे कक्षाएं लगाईं । बारिश आने पर उनके सामने इन छात्रों की कक्षाएं लगाने की समस्या मुंह बाए खड़ी हो गई है।
उन्होंने बताया कि इसके आलावा स्कूल स्टेडियम की एक दीवार भी भरभरा कर गिर गई है, यह दीवार करीब दो वर्ष पूर्व करीब दस लाख रुपये की लगत से पंचायत द्वारा लगाई गई थी। प्रशासन और विभाग की उदासीनता के चलते अब छात्रों के अभिभावकों ने शिक्षा विभाग और प्रशासन को दो टूक चेतावनी दे डाली है कि यदि शीघ्र ही छात्रों की कक्षाएं लगाने के लिए उचित प्रबंध नहीं किया गया तो उन्हें मजबूरन उग्र आंदोलन की राह अख्तियार करनी पड़ेगी ।
इस विषय में एसडीएम कुपवी नारायण सिंह चौहान से बात करने पर उन्होने बताया कि हल्का पटवारी सतपाल को घटनास्थल पर नुकसान का आंकलन करने को भेज दिया गया था। उनकी रिपोर्ट विभाग के आला अधिकारियों को प्रेषित कर दी गई है।
उन्होंने स्वयं घटना स्थल का दौरा कर हालत का जायजा लिया है। फिलहाल कक्षाओं को दूसरे स्थान पर लगाने का इंतज़ाम कर दिया गया है ताकि पढ़ाई में बाधा न आए।