सरकार ने इस मर्तबा पेश किया बेहतरीन और अलग बजट, सरकार ने नहीं की कोई योजना बंद : मुख्यमंत्री

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हिमाचल प्रदेश विधानसभा बजट सत्र के पांचवे दिन आज बजट पर चर्चा शुरू हुई जो 23 मार्च तक चलेगी।

चर्चा में भाग लेते हुए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर पूर्व सरकार द्वारा चलाई जा रही हिम केयर ,सहारा सहित अन्य योजनाओं को बंद करने के आरोप लगाए जिस पर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सफाई देते हुए कहा कि सरकार ने किसी भी योजना को बंद नहीं किया है।

सीएम सुक्खू ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री बिना तथ्यों और आंकड़ों के सदन में बोल रहे हैं जबकि सरकार ने इस बार योजनाओं पर आधारित बजट पेश किया है जिससे युवाओं को रोज़गार के अवसर पैदा होंगे।विपक्ष भी जानता है कि इस बार का बजट अलग है और एक बेहतरीन बजट का प्रावधान प्रदेश के विकास के लिए किया गया है।पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कर्ज को लेकर भी गलत आंकड़े पेश कर रहे थे जबकि उनकी सरकार के समय में कर्मचारियों और पेंशनरों की 11 हजार से अधिक देनदारियां हैं जिन्हें पूर्व सरकार ने घोषित किया था लेकिन उसकी अदायगी करना जयराम सरकार भूल गई थी।

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह के फरार होने के बाद एहतियात के तौर पर हिमाचल प्रदेश में भी हाई अलर्ट किया गया है।

हालांकि हिमाचल प्रदेश में कानून व्यवस्था काफी चाक- चौबंद है और यहां पर इस तरह की घटना की कोई संभावना नहीं है लेकिन फिर भी सरकार अलर्ट है।

वहीं यूके के लंदन में भारतीय झंडे को निकालने की कोशिश की मुख्यमंत्री ने निंदा की और कहा कि इस तरह की घटना का वे विरोध करते हैं।

भारत के लोग जिस भी देश में रहते हैं उनके दिलों में अपने देश और झंडे के प्रति जो सम्मान है उसे कोई भी उनके दिल और दिमाग से नहीं निकाल सकता। हर भारतीय झंडे का सम्मान करता है।

हिमाचल प्रदेश सरकार ने नई आबकारी नीति के तहत प्रदेश में चल रहे ठेकों की नए सिरे से नीलामी की है जिससे सरकार की आय में पूर्व की तुलना में 40 फीसदी अधिक आय में बढ़ोतरी हुई है। नए सिरे से ठेकों की नीलामी होने से प्रदेश सरकार को 520 करोड की अधिक आय हुई है।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नई आबकारी नीति 2023-24 में बीते वर्ष की तुलना में 2357 करोड़ की जगह 2800 करोड़ रुपए का अनुमान लगाया गया है।इसके इसके अलावा सरकार ने शराब की बोतल पर 10 रुपये मिल्क सेस लगाने का निर्णय भी लिया है जिससे 100 करोड रुपए की आय होने का अनुमान लगाया गया है।

अगर सरकार पूर्व में चल रही आबकारी नीति को अपनाती तो इस बार भी सरकार को 380 करोड़ के आसपास नुकसान होना अनुमानित था लेकिन प्रदेश सरकार व्यवस्था परिवर्तन के लिए सत्ता में आई है और उस दिशा में सरकार काम कर रही है।

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