हिमाचल। प्रदेश वित्त एवं लेखा सेवाएं के 20 प्रशिक्षु अधिकारियों ने यहां राजभवन में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से भेंट की। ये प्रशिक्षु अधिकारी हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासनिक संस्थान (हिप्पा) में लगभग 10 महीनों की अवधि का से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
राज्यपाल ने इन अधिकारियों से बातचीत करते हुए कहा कि वित्त अधिकारियों का वित्तीय संबंधी मामलों से निपटने में महत्त्वपूर्ण योगदान है जिसके लिए उन्हें नई तकनीक को अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्रों में जवाबदेही अत्यंत आवश्यक है।
उन्होंने अधिकारियों को उनके नए उपक्रमों के लिए बधाई दी और प्रतिबद्धता, ईमानदारी तथा व्यावसायिक दृष्टिकोण के साथ कार्य करने को कहा।
आर्लेकर ने कहा कि विकास प्रक्रिया को अमल में लाने के लिए हमें अपना दृष्टिकोण बदलने की आवश्यकता है ताकि अधिक से अधिक लोगों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित हो सके।
उन्होंने कहा कि हम सब भाग्यशाली हैं कि हमें इस सुंदर पर्वतीय राज्य में रहने का अवसर मिला है जो अपने प्राकृतिक सौंदर्य और स्वस्थ वातावरण के लिए भी जाना जाता है।
राज्यपाल ने कहा, ‘हमें अपनी संभावनाओं के बारे में ज्ञात होना चाहिए और राजस्व स्रोतों को सक्रिय करना चाहिए जिसके लिए युवा सकारात्मक योगदान दे सकते हैं।
इस अवसर पर अतिरिक्त निदेशक, हिप्पा ज्योति राणा ने राज्यपाल को अवगत कराया कि प्रशिक्षण को दो भागों में किया जाएगा जिसके दोनों भागों में पांच-पांच महीनों का प्रशिक्षण शामिल होगा। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के सफलतापूर्वक पूरा होने के उपरांत प्रशिक्षुओं को परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी और दोनों भागों की परीक्षा में सफल होने वाले उम्मीदवारों को ही वित्त विभाग द्वारा किसी सरकारी विभाग/ राज्य के संस्थानों में बतौर अनुभाग अधिकारी (वित्त एवं लेखा) नियुक्त किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि वित्त अधिकारियों को विभागों/ संस्थानों में विभिन्न कार्य जिनमें वित्तीय संबंधी मामले, महालेखाकार कार्यालय से संबंधित वित्तीय मामले, नीति और नियमों से संबंधित मामले, विभागीय संबंधी मामले तथा संबंधित विभागों के मुखिया द्वारा दिए गए कार्य शामिल होंगे।