हिमाचल। प्रदेश सरकार ने बजुर्गो को घर की चार दीवारी से बाहर निकलकर प्रकृति की गोद में एक सुरक्षित स्थल पर योग, ध्यान, एक्सरसाइज तथा अपने हम उम्र के लोगों से मिलने जुलने के लिए पंचवटी पार्क योजना शुरू की है ताकि उन्हें बढ़ती उम्र में भी स्वास्थ्य रखा जा सके तथा वह घर पर अकेलापन महसूस न करें।
राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कँवर ने बताया कि योजना के अन्तर्गत राज्य के सभी 90 विकास खण्डों में प्रत्येक विकास खंड में चार से छह पंचवटी पार्क स्थापित किये जायेंगे जहां बजुर्गो की शारीरिक क्षमता के अनुरूप हलकी एक्सरसाइज करने के लिए जिम/ कसरत व व्यायाम आदि के उपकरण लगाए जायेंगे ताकि उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से स्वास्थ्य रखा जा सके।
वर्ष 2020 में शुरू की गयी इस योजना के अन्तर्गत अब तक राज्य में 518 स्थलों को पंचवटी पार्क स्थापित करने के लिए चिह्नित किया गया है। इस समय कुल 284 स्थलों पर पंचवटी पार्कों का निर्माण कार्य किया जा रहा है जबकि पिछले दो सालों के दौरान औसतन नौ लाख रूपये प्रति पार्क की लागत से राज्य में 57 पंचवटी पार्को का निर्माण कार्य पूरा करके उन्हें कार्यात्मक कर दिया गया है तथा प्रत्येक पार्क से औसतन पचास हज़ार ग्रामीण जनसँख्या लाभान्वित हो रही है।
चालू वित्त वर्ष के दौरान लगभग दो सौ पंचवटी पार्कों का निर्माण कार्य पूरा करके इन्हें कार्यात्मक कर दिया जायेगा। मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन तथा वित्त आयोग के कन्वर्जेन्स के माध्यम से निर्मित किये जा रहे इन पंचवटी पार्कों पर वर्ष 2020 से अब तक 1566 . 57 लाख रूपये खर्च किये जा चुके हैं।
चालू वित्त वर्ष के दौरान इन पार्कों के निर्माण कार्यों पर 18 करोड़ रूपये का बजट प्रावधान रखा गया है।
राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कँवर ने बताया कि औसतन एक बीघा वर्ग क्षेत्रफल में बनाये जा रहे प्रत्येक पार्क में स्टेट ऑफ़ आर्ट एक्सरसाइज और मनोरजन के उपकरण लगाए गए हैं ताकि बजुर्गों की फिटनेस को बेहतर बनाया जा सके तथा उन शारीरिक अंगों को फोकस किया जाये जो उम्र बढ़ने से कमजोर होने लगते हैं।
प्रत्येक पार्क में एक मीटर चौड़ा और 150 मीटर लम्बा पत्थरों का जॉगिंग ट्रैक, वॉकिंग ट्रैक, योग और ध्यान के लिए विशिष्ट स्थान, सौर ऊर्जा सहित महिला, पुरुषों के शौचालय होंगे।
हर पार्क में फूलों की बगिया, तुलसी, आमला, अलोएवेरा अश्वगंधा आदि औषधीय पौधे व सुगन्धित पौधे होंगे तथा पार्क के चारों ओर नीम, पीपल आदि के पौधे लगाए जायेंगे ताकि पार्क को छायादार और हरा भरा बनाया जा सके।
राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कँवर ने बताया कि इस पार्क में सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं को स्थानीय उत्पादों की बिक्री के लिए अलग से स्थान आबंटित किया जा सकेगा ताकि शुद्ध और देशी उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा दिया जा सके और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर सृजत करके ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सके।
यह पार्क ग्रामीण विकास विभाग के माहिरों द्वारा निर्मित किये जायेंगे और इसका रख रखाव स्थानीय पंचायत संस्थाओं द्वारा किया जायेगा।
यह पार्क औसतन एक बीघा भूमि पर निर्मित किये जायेंगे लेकिन मैदानी /समतल इलाकों में भूमि की उपलब्धता होने पर दो बीघे क्षेत्रफल पर भी बनाये जायेंगे।