हिमाचल में 2024-25 के लिए 58 हज़ार 444 करोड़ का बजट पेश, देखें पूरा बजट एक नजर में

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शिमला। 2024-25 का बजट प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा दिखाने वाला बजट है जहाँ आधुनिकतम तकनीक की सहायता से भविष्य में आने वाली चुनौतियों से निपटने वाली बात कही गई है, वहीं प्रदेश के युवाओं को ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि तथा शहरी क्षेत्रों में अन्य विकल्पों के माध्यम सेे स्वरोज़गार के लिए प्रोत्साहन का वर्णन मिलता है।

पर्यटन, मूलभूत संरचना, उद्योग क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तथा अन्य आधुनिकतम टूल्स की सहायता से निजी निवेश से विकास को और अधिक गति देने की बात कही गई है। जैव ईंधन को चरणबद्ध ढंग से विद्युत से बदलने के प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए हरित प्रदेश की कल्पना इस बजट में झलक पाती है।

शिक्षा तथा स्वास्थ्य क्षेत्रों में प्राप्त उपलब्धियों को और आगे बढ़ाते हुए इनसे सम्बन्धित सेवाओं की गुणवत्ता को सुधारने के लिए इस बजट में विस्तृत कार्ययोजना का वर्णन है।

विकास प्रक्रिया को और अधिक समावेशी बनाने के लिए महिलाओं, विधवाओं, दिव्यांगों तथा अन्य सभी वर्गों के लिए इस बजट के माध्यम से सुनहरे भविष्य की नींव रखी गई है। नशा तथा अवैध खनन जैसी विकृतियों से प्रभावी रूप से निपटने के लिए कई इनिशिएटिव लिए गए हैं। समाज के सभी वर्गों के साथ-साथ कर्मचारी कल्याण को भी केन्द्र में रखा गया है।

58 हज़ार 444 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित

हिमाचल में 58 हज़ार 444 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया है। वर्ष 2024-25 में राजस्व प्राप्तियाँ 42 हजार 153 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है तथा कुल राजस्व व्यय 46 हज़ार 667 करोड़ रुपये अनुमानित है।

इस प्रकार कुल राजस्व घाटा 4 हज़ार 514 करोड़ रुपये अनुमानित है। राजकोषीय घाटा 10 हज़ार 784 करोड़ रुपये अनुमानित है जोकि प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद का 4.75 प्रतिशत् है।

2024-25 के बजट अनुसार प्रति 100 रुपये व्यय में से, वेतन पर 25 रुपये, पैंशन पर 17 रुपये, ब्याज अदायगी पर 11 रुपये, ऋण अदायगी पर 9 रुपये, स्वायत्त संस्थानों के लिए ग्रांट पर 10 रुपये जबकि शेष 28 रुपये पूँजीगत कार्यों सहित अन्य गतिविधियों पर व्यय किये जाएंगे।

2024-25 के लिए राज्य विकास बजट के लिए 9 हजार 990 करोड़ रुपये व्यय किये जाने का प्रस्ताव है। अनुसूचित जाति विकास कार्यक्रम’ के लिए 2 हज़ार 516 करोड़ रुपये, जनजातीय विकास कार्यक्रम के लिए 899 करोड़ रुपये तथा ‘पिछड़ा क्षेत्र विकास कार्यक्रम’ के लिए 110 करोड़ रुपये व्यय किये जाने प्रस्तावित हैं।

इसके अतिरिक्त केन्द्रीय योजनाओं के लिए 5 हज़ार 280 करोड़ रुपये के परिव्यय प्रस्तावित किये गए हैं।

वर्ष 2023- 24 के संशोधित अनुमानों के अनुसार कुल राजस्व प्राप्तियों 40 हज़ार 446 करोड़ रुपये हैं। संशोधित अनुमानों के अनुसार कुल राजस्व व्यय 45 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।

2023-24 के संशोधित अनुमान के अनुसार 5 हज़ार 480 करोड़ रुपये का राजस्व डेफिसिट अनुमानित है।

वहीं 2023-24 के दौरान प्रदेश की अर्थव्यवस्था की अनुमानित वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत्, प्रतिव्यक्ति आय 2 लाख 35 हजार 199 रुपये अनुमानित, राज्य का सकल घरेलू उत्पाद 2 लाख 7 हजार 430 करोड़ रुपये अनुमानित है।

विभिन्न क्षेत्रों के लिए प्रस्तावित बजट

कृषि क्षेत्र के लिए 582 करोड़

बागवानी के लिए 531 करोड़

स्वास्थ्य क्षेत्र में 3415 करोड़

शिक्षा क्षेत्र में 9560 करोड़

तकनीकी शिक्षा में 330 करोड़

सामाजिक सुरक्षा, महिला, बाल एवं अन्य पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए 2457 करोड़

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज के लिए 2356 करोड़

जल शक्ति के लिए 3365 करोड़

सड़कों एवं पुलों के लिए 4317 करोड़

वन विभाग के लिए 834 करोड़

बजट भाषण 2024-25 में घोषित नई योजनाएं

1. राजीव गांधी प्राकृतिक खेती स्टार्ट-अप योजना

2. भेड़-बकरी पालक प्रोत्साहन योजना

3. मुख्य मन्त्री सुख आरोग्य योजना

4. मुख्य मंत्री सुख-शिक्षा योजना

5. महर्षि वाल्मीकि कामगार आवास योजना

6. अपना विद्यालय-मेरा विद्यालय-मेरा सम्मान

7. मुख्य मन्त्री हरित विकास छात्रवृति योजना

बजट भाषण 2024-25 में घोषित नई नीतियां

1. औद्योगिक प्रोत्साहन व निवेश नीति, 2024

2. स्टार्ट-अप नीति, 2024

3. हिमाचल प्रदेश खान एवं खनिज नीति, 2024

बजट में सरकार का फोकस रहेगा इन 10 पर :

आत्मनिर्भर हिमाचल

समृद्ध किसान हिमाचल

हरित और स्वच्छ हिमाचल

बिजली राज्य हिमाचल

पर्यटन राज्य हिमाचल

कुशल और दक्ष हिमाचल

स्वस्थ एवम् शिक्षित हिमाचल

निवेशक मित्र हिमाचल

नशा मुक्त हिमाचल

अवैध खनन मुक्त हिमाचल

समृद्ध और सम्पन्न हिमाचल

1. समृद्ध किसान हिमाचल

किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्राकृतिक खेती के अन्तर्गत रोज़गार के अवसर तथा आय में वृद्धि।

बेरोजगार युवाओं को प्राकृतिक खेती के लिए प्राकृतिक रूप से उगाए गये गेहूँ को 40 रुपये तथा मक्की को 30 रुपये प्रति किलोग्राम का न्यूनतम समर्थन मूल्य ।

36,000 किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ा जाएगा।

हिमाचल प्रदेश कृषि मिशन’ के अन्तर्गत 2 हजार 500 कृषि क्लस्टर समूहों को विकसित करके विभिन्न क्षेत्रों में high value फसलों को बढ़ावा।

मोटे अनाज (Millets) के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना।

शिमला जिले में मेहंदली तथा शिलारू तथा कुल्लू जिला में बंदरोल में नई मंडियों का निर्माण।

सिरमौर में पाँवटा साहिब, खैरी, घंडूरी और नौहराधार; कुल्लू में चौरीबिहाल, पतलीकुहल और खेगसू; मण्डी में टकोली और कांगनी; काँगड़ा में जसूर, पासू तथा पालमपुर; तथा सोलन में परवाणू, कुनिहार और वाकनाघाट मंडियों का उन्नयन।

किसानों की सुविधा के लिए Chat Bot और Al पर आधारित भू-अभिलेख, हेल्पडेस्क तथा किसानों के डाटाबेस सहित एक वेब आधारित कृषि पोर्टल और मोबाइल ऐप बनाया जाएगा।

सब्जी उत्पादन के माध्यम से किसानों को उचित गुणवत्ता की पौध तथा उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण देने के लिए एक सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस हाई-टेक वेजिटेबल नर्सरी प्रोडक्शन खोला जाएगा।

पशुपालन तथा दूध उत्पादन को प्राकृतिक खेती से जोड़कर गाया के दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वर्तमान 38 रुपये प्रति लीटर सेनाबका समर्थन मूल्य प्रति लीटर तथा भैंस के दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 47 रुपये प्रति लीटर से 55 रुपये प्रति लीटर की बढ़ौतरी।

हिम-गंगा योजना के अन्तर्गत काँगड़ा के ढगवार में 1.5 एलेलपीडी (Lakh Litre Per Day) की क्षमता वाले फूली ऑटोमैटिक मिल्क एंड मिल्क प्रोडक्ट्स प्लांट की स्थापना।

ऊना तथा हमीरपुर में भी आधुनिकतम तकनीक से मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किये जाएंगे। स्थानीय युवाओं को दूध ले जाने के लिए 50 प्रतिशत् उपदान पर 200 रेफ्रिजरेटेड मिल्क वैनस उपलब्ध कराना।

सोलन जिले के दाड़लाघाट में कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना।

प्रदेश में भेड़-बकरियों के लिए एफएमडी वैक्सीनेशन शुरू करने तथा ऊन की अन्य समस्याओं के निदान के लिए “भेड़-बकरी पालक प्रोत्साहन योजना” प्रारम्भ ।

1 अप्रैल, 2024 से दुग्ध उत्पादन सोसाइटियों से एपीएमसी द्वारा ली जाने वाली फीस माफ।

बेसहारा पशुओं की समस्या के निदान के लिए एक राज्य स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा।

निजि गौ-सदनों में आश्रित गौवंश के लिए दिये जाने वाले अनुदान 700 रुपये प्रति गौवंश प्रतिमाह से बढ़ाकर 1,200 रुपये।

एक बागवानी उत्कृष्टता केन्द्र’ की स्थापना जो गुणवत्ता, कौशल, पर्यटन तथा बाज़ार सम्बन्धित आवश्यकताओं हेतु वन स्टॉप रिसोर्स सेन्टर के रूप में कार्य करेगा।

राज्य के सब-ट्रॉपिकल क्षेत्रों में 2 प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित किये जाएंगे।

अत्याधुनिक फ्रूट अमरूद, नीम्बू तथा अन्य सब-ट्रॉपिकल फलों को बढ़ावा देने के लिए मदर ट्रीज/ बड वुड बैंक्स के लिए ‘फाउंडेशन ब्लॉक’ की स्थापना की जाएगी।

2024 के सेब सीजन से यूनिवर्सल कार्टन का प्रयोग आरम्भ कर दिया जाएगा।

20 हेक्टेयर क्षेत्र में नए मत्स्य पालन तालाबों के निर्माण के लिए मछुआरों को 80 प्रतिशत् उपदान पर आर्थिक सहायता दी जाएगी।

जिला हमीरपुर में सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में एक नए कार्प फिश फार्म की स्थापना।

मछुआरों को मोटरसाईकिल, थ्री-व्हीलर तथा आइस बॉक्सेस उपदान पर उपलब्ध करवाए जाएंगे।

10-10 नए बायो फ्लॉक फिश प्रोडक्शन तालाबों तथा इकाईयों की स्थापना की जाएगी।

तीन नई फीड मिल्स की स्थापना की जाएगी।

150 नई ट्राउट मछली उत्पादन इकाईयों सहित नई ट्राउट हैचरी की स्थापना की जाएगी।

2. हरित, स्वच्छ तथा बिजली राज्य हिमाचल

पेखुवेला स्थित 32 मैगावॉट क्षमता वाले हिमाचल के सबसे बड़े सोलर पावर प्रोजैक्ट को मार्च, 2024 तक के अंत तक कमीशन किया जाएगा।

ऊना में अघलोर स्थित 10 मैगावॉट क्षमता वाला ‘सोलर पावर प्लांट’ जून, 2024 तक बनकर तैयार।

ऊना के भांजल में 5 मैगावॉट क्षमता वाले सोलर पावर प्रोजेक्ट का सितम्बर, 2024 तक लोकार्पण।

राजीव गांधी स्टार्ट-अप योजना’ के अन्तर्गत निजि भूमि पर 45 प्रतिशत् उपदान पर 100 से 500 किलोवॉट तक के सोलर पैनल लगाने के कार्य में गति।

बाल एवम् बालिका आश्रमों तथा वृद्ध आश्रमों और राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल्स में ग्रिड से जुड़े रूफ टॉप सोलर प्लांट और वाटर हीटिंग सिस्टम स्थापित ।

Re-vamped डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम के माध्यम एग्रीगेट टेक्निकल और कमर्शियल (AT&C) लोसेसको कम करने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना कार्यान्वयन

बिजली उत्पादन के साथ-साथ एक एफिशिएंट ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क के लिए चार ट्रांसमिशन लाइन्स तथा 6 इएचवी सब-स्टेशन पूरे किये जाएंगे।

327 अतिरिक्त डीजल बसेस को इलेक्ट्रिक बसेस से बदला जाएगा।

राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना के अन्तर्गत 40 प्रतिशत् उपदान पर इ- टैक्सी चलाने के लिए 10,000 परमिट दिये जाएंगे।

वन विभाग, एचआरटीसी, एचपीटीडीसी के सभी तथा जीएडी के पात्र वाहन इ-वाहनों से बदल दिये जाएंगे।

वाहन स्क्रैप नीति’ के अन्तर्गत प्रदेश में व्हीकल स्क्रेपिंग फैसिलिटी सेन्टर (VSFCs)” की स्थापना।

हरित हिमाचल’ की दिशा में ग्रीन हिमाचल, बायोडायवर्सिटी पार्क्स, नेचर पार्क्स, रिवर साइड पार्क्स स्थापित किए जाएंगे।

ग्रामीण क्षेत्रों के समग्र विकास तथा उसे ग्रीन बनाने के लिए “मुख्य मन्त्री हरित विकास छात्रवृति योजना” आरम्भ।

कृषि और बागवानी क्षेत्र पर बदलती जलवायु के विपरीत प्रभावों को कम करने के उद्देश्य से इन क्षेत्रों में एक नीड असेसमेंट (NAS) शुरू।

फारेस्ट क्लेरेंस केसेस के शीघ्र निपटान के लिए जिला स्तरीय समीतियों का गठन।

3. पर्यटन राज्य हिमाचल

काँगड़ा के गग्गल हवाई अड्डे के विस्तार के लिए रिहैबिलिटेशन एंड रिसेटलेमेंट (R&R) प्लान को शीघ्र ही अंतिम रूप देकर भू-अधिग्रहण का कार्य आरम्भ कर दिया जाएगा।

पर्यटकों को प्रदेश में प्रवास के दौरान बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से प्रदेश में स्थित सभी होम स्टे यूनिट्स को हिमाचल प्रदेश टूरिज्म डेवलोपमेन्ट एंड रेजिस्ट्रेशन एक्ट के अधीन लाया जाएगा।

16 प्रस्तावित हेलिपोर्टस में से प्रथम चरण में 9 हेलिपोर्टस क्रमशः हमीरपुर में जसकोट, काँगड़ा में रक्कड़ और पालमपुर, चम्बा में सुल्तानपुर, कुल्लू में आलू ग्राऊंड, मनाली, किन्नौर में शारबो और लाहौल-स्पिति में जिस्पा, सिस्सू और रांगरिक में।

कुफरी के नजदीक हासन घाटी के मशहूर पर्यटक स्थल पर एक स्काई वाक ब्रिज।

Nature Park, मोहाल तथा बिजली महादेव के बीच Hybrid Annuity Model (HAM) पर एक 3.2 किलोमीटर लम्बे रोपवे का निर्माण कार्य आरम्भ।

स्वदेश दर्शन-2 के अन्तर्गत पौंग डैम के विकास और प्रबन्धन के लिए एक master plan तैयार किया जाएगा।

लाहौल-स्पिति में चंद्रताल, काज़ा और तांदी तथा किन्नौर में रकछम और नाको चांगो खाब को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा।

पर्यटकों की सुविधा के लिए कालका से परवाणु तक की ब्रॉड gauge rail line तथा जेजों से पोलियाँ तक की रेललाईन बिछाने के लिए भी भारत सरकार से अनुरोध किया जाएगा।

4. स्वस्थ, शिक्षित, कुशल एवम् दक्ष, हिमाचल

डॉ राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में आधुनिकतम डायग्नोस्टिक तथा ट्रीटमेंट सुविधाओं के साथ राज्य कैंसर इंस्टीट्यूट की स्थापना।

कैंसर पीड़ित मरीजों को chemotherapy तथा Palliative Care की सुविधा प्रदान करने के लिए जिला अस्पतालों तथा चयनित ‘आदर्श स्वास्थ्य केन्द्रों’ पर “Cancer Day Care Centres” की स्थापना।

Indira Gandhi Medical College, Shimla में कैंसर पीड़ित रोगियों के Advanced Radio Therapy तकनीक से उपचार के लिए LINAC (Linear Accelerator Machine) स्थापित ।

‘PGI Satellite Centre, Una’ में चल रहे सभी कार्यों को गति।

53 स्वास्थ्य संस्थानों में Hospital Management Information Service (HMIS)’ की स्थापना।

Scrub Typhus के बढ़ते हुए मामलों के दृष्टिगत् State Level Scrub Typhus Research Unit स्थापित ।

Dr. Rajinder Prasad Government Medical College, Tanda और Kamla Nehru Hospital, Shimla में नवजात शिशुओं में स्तनपान को प्रोत्साहित करने के लिए उनके तया जच्चाओं के लिए “Lactation Management Centres’ स्थापित।

प्रत्येक जिले में सभी टेस्ट सुविधाओं सहित एक ‘Integrated Public Health Lab’ की स्थापना।

Dr. Rajindra Prasad Medical College, Tanda में General Nursing and Midwifery (GNM) स्कूल को नर्सिंग कॉलेज में स्तरोन्त्रत करना।

बद्दी, बरोटीवाला, नालागढ, परवाणु, पाँवटा और ऊना औद्योगिक क्षेत्रों में कार्यरत प्रवासी कामगारों की health screening के लिए एक ‘Guest Worker Screening Project’ आरम्भ करना।

हिमकेयर’ तथा सहारा योजनाओं के कार्यान्वयन राष्ट्रीय स्तर के domain experts की सहायता से आवश्यक सुधार करना।

प्रावमिक, प्रारम्भिक तथा उच्च शिक्षा संस्थानों में उचित गुणवत्ता और साइज के क्लास रूम्स, स्मार्ट क्लास-रूम्स विथ स्मार्ट बोर्ड्स, ऑडियो-विसुअल टीचिंग ऐड्स, लर्निंग सॉफ्टवेयर, सही सीटिंग व्यवस्था, शिक्षकों की पूरी स्ट्रेंथ, खेल मैदान, साफ टॉयलेट्स के साथ-साथ अन्य सभी सुविधाएं।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ के अनुरूप प्रदेश में स्कूली स्तर पर 5+3+3+4 शिक्षा प्रणाली लागू की जाएगी जिसमें तीन साल का pre-school ‘बाल वाटिका’ पाठ्यक्रम भी शामिल।

शिक्षण संस्थानों को चरणबद्ध तरीके से पूर्व निर्धारित मापदण्डों के अनुसार ‘Institutions of Excellence’ के रूप में विकसित किया जाएगा।

स्कूलों और समाज के बीच बेहतर ताल-मेल के लिए तथा सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने के लिए “अपना विद्यालय-मेरा विद्यालय-मेरा सम्मान” योजना प्रारम्भ।

प्रत्येक उप-मण्डल में उप-मण्डलाधिकारियों को सभी primary schools का महीने में एक दिन बारी-बारी से अनिवार्य रूप से review meeting.

सभी शिक्षण संस्थाओं की वार्षिक Ranking और उनके लिए Performance Based Grant की व्यवस्था की शुरूआत।

पढ़ने-पढ़ाने की संस्कृति के विकास के लिए प्रदेश में “पढ़ो हिमाचल” के नाम से एक व्यापक जन अभियान प्रारम्भ ।

शिक्षा स्तर में सुधार लाने में प्रशिक्षित अध्यापकों के प्रशिक्षण को और अधिक result oriented बनाने के लिए District Institute of Education Training (DIETs) तथा State Council of Educational Research (SCERT) के नियमों में बदलाव लाकर State Institute of Educational Management and Training (SIEMAT) का पुनर्गठन ।

सरकारी स्कूलों के बच्चों को एक सुरक्षित एवम् स्वच्छ पानी की बोतल उपलब्ध करवाई जाएगी।

पाँचवी कक्षा से हिमाचल के इतिहास एवम् संस्कृति, भारतीय संविधान, स्वास्थ्य, basic hygine तथा अन्य सामान्य ज्ञान के विषयों पर अनिवार्य रूप से पाठ्यक्रम आरम्भ।

प्रत्येक जिला मुख्यालय, उपमण्डल तथा पंचायत मुख्यालय पर एक आधुनिकतम सुविधाओं सहित पुस्तकालय।

पाँच राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूलों क्रमशः लाहडू और नगरोटा बगवां (काँगड़ा), अमलेहड़ और भोरंज (हमीरपुर), तथा संगनाई (ऊना) का निर्माण कार्य आरम्भ।

श्रम विभाग की EEMIS पोर्टल पर निजी क्षेत्र के और employers को जोड़ा जाएगा तथा 2024-25 में 180 campus interviews आयोजित किये जाएंगे।

5. निवेशक मित्र हिमाचल

किन्नौर, चम्बा और लाहौल व स्पिति में 4 Antifreeze पेयजल परियोजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य।

शहरी क्षेत्रों में कचरा प्रबंधन को और सुचारू रूप से चलाने के लिए तथा उस पर निगरानी के लिए राज्य स्तर पर शहरी विकास निदेशालय में एक पर्यावरण cell की स्थापना।

ज्वाली, हमीरपुर, बैजनाथ- पपरोला तथा नेरचौक में 135 Litres Per Capita Per Day (LPCD) की क्षमता वाली पेयजल योजनाओं का काम पूरा कर लिया जाएगा।

नाहन, अर्की निरमंड, पालमपुर तथा जोगिन्द्रनगर के लिए पेयजल सुधार योजनाओं का कार्य शीघ्र आरम्भ ।

500 किलोमीटर लम्बी सड़कों की upgradation, 325 किलोमीटर नई सड़कों तथा 8 पुलों का निर्माण।

15 बस्तियों को सड़क से जोड़ा जाएगा।

NABARD के माध्यम से RIDF के अन्तर्गत किलोमीटर लम्बी नई सड़कों, 305 किलोमीटर सड़कों पर 205 cross-drainage, 425 किलोमीटर लम्बी tarred सड़कों तथा 27 पुलों का निर्माण किया जाएगा।

CRIF के अन्तर्गत 5 स्वीकृत सड़कों, जिया मनीकरण सड़क, शाहपुर सिंहुता – चुवाड़ी मार्ग तथा बागछाल मैहरे – बड़सर का उन्नयन, यास नदी पर टैरेस तथा स्थाना को जोड़ने वाले पुल तथा पंडोगा तियूड़ी में स्वां नदी पर पुल का निर्माण।

अधिक ऊँचाई वाली सड़कों पर calcium chloride तथा Brine Solution का प्रयोग किया जाएगा ताकि सर्दियों में इन सड़कों पर बर्फ न जम सके और सम्भावित दुर्घटनाओं को टाला जा सके।

एक नई “औद्योगिक प्रोत्साहन व निवेश नीति, 2024” आरम्भ ।

युवाओं के लिए औद्योगिक क्षेत्र में स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक नई “स्टार्ट-अप नीति, 2024” आरम्भ ।

बढ़ी हुई Electricity Duty (ED) उन उपभोक्ताओं द्वारा देय नहीं होगी, जिन्हें ‘हिमाचल प्रदेश औद्योगिक नीति, 2019’ के प्रावधानों के अनुसार स्वीकार्य अवधि की समाप्ति तक ED का भुगतान करने में छूट दी गई थी।

शीतलपुर से जगातखाना तक सड़क बनाई जाएगी जो ‘Medical Device Park’ केरोवाल को बद्दी औद्योगिक क्षेत्र से जोड़ेगी।

हिमाचल प्रदेश को Films की shooting के लिए हिमाचल प्रदेश फिल्म पॉलिसी, 2024 का कार्यान्वयन।

सूचना एवम् जन सम्पर्क विभाग में ‘Film Facilitation Cell’ की स्थापना की जाएगी।

फिल्मों की शूटिंग के लिए ऑनलाइन आवेदन तया अनुमति प्रदान करने के लिए web portal की स्थापना।

पाँच शहरी विधानसभा चुनाव क्षेत्रों के लिए National Housing Bank के माध्यम से Urban Infrastructure Development Fund (UIDF) के अन्तर्गत इन शहरी क्षेत्रों की विधायक प्राथमिकता योजनाओं को स्वीकृति।

6. नशा मुक्त हिमाचल

राज्य स्तर पर सभी सुविधाओं सहित कण्डाघाट में एक “आदर्श नशा निवारण केन्द्र” की स्थापना।

उपमण्डल स्तर से लेकर राज्य स्तर तक के अधिकारियों की भागीदारी से एक ‘effective monitoring and reporting system’ की स्थापना।

हमीरपुर तथा ऊना के पंजोआ में इंडोर स्टेडियम का निर्माण।

मनाली बंदरोल में एक इंडोर स्पोर्ट्स स्टेडियम का निर्माण।

रहन और देहरा में स्विमिंग पूल सुविधा के साथ इंडोर स्टेडियम का निर्माण।

खरीड़ी, नादौन में इंडोर बहुउद्देशीय खेल परिसर का निर्माण।

कसुम्पटी में इंडोर बहुउद्देशीय खेल परिसर का निर्माण ।

जयसिंहपुर में इंडोर बहुउद्देशीय खेल परिसर का निर्माण ।

ढली बाईपास में इंडोर बहुउद्देशीय खेल परिसर का निर्माण।

ओलम्पिक्स खेलों में व्यक्तिगत् स्पर्धा में स्वर्ण पदक प्राप्त करने पर पुरस्कार राशि 5 करोड़ रुपये, रजत पदक के

लिए ढाई करोड़ रुपये तथा कांस्य पदक के लिए डेढ़ करोड़ रुपये किया जाएगा।

कॉमन वैल्थ खेलों में व्यक्तिगत् स्पर्धा में स्वर्ण पदक प्राप्त करने पर पुरस्कार राशि 3 करोड़ रुपये, रजत पदक के लिए 2 करोड़ रुपये तथा कांस्य पदक के लिए 1 करोड़ रुपये किया जाएगा।

टीम स्पर्धाओं में विजेता हिमाचली खिलाड़ियों को प्राप्त पदक के आधार पर उपरोक्त पुरस्कार राशि में से प्रत्येक खिलाड़ी को प्रतिनिधित्व के अनुपात में बराबर राशि।

राज्य से बाहर 200 किलोमीटर की दूरी तक खेल स्पर्धाओं में भाग लेने के लिए खिलाड़ियों को AC 3 Tier किराया तथा 200 किलोमीटर से अधिक दूरी के स्थानों पर जाने के लिए economy class air fare।

सरकारी विभागों में उत्कृष्ट खिलाड़ियों को विभिन्न पदों पर 3 प्रतिशत् खेल कोटा के अन्तर्गत सम्मिलित वर्तमान 43 खेलों की संख्या को बढ़ाया जाएगा।

प्रारम्भिक शिक्षा स्तर के खिलाड़ियों को प्रदेश में होने वाली खेलों में भाग लेने पर 250 रुपये प्रतिदिन डाइट मनी।

अन्य सभी खिलाड़ियों को प्रदेश में होने वाली खेलों में भाग लेने पर 400 रुपये प्रतिदिन डाइट मनी।

सभी खिलाड़ियों को प्रदेश के बाहर होने वाली खेलों में भाग लेने पर समान रूप से 500 रुपये प्रतिदिन डाइट मनी ।

प्रदेश के खेल हॉस्टलों में रहने वाले सभी खिलाड़ियों को उपरोक्त के अनुसार 250 रुपये तथा 400 रुपये की डाइट मनी दी जाएगी।

7. अवैध खनन मुक्त हिमाचल

सभी परिवहन Barriers पर Automatic Number Plate Recognition (ANPR)/Close Circuit Television (CCTV) Cameras की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी जिससे कर चोरी को समाप्त किया जा सके और सरकार को अतिरिक्त संसाधन प्राप्त हो सके।

करदाताओं की सुविधा के लिए VAT तथा अन्य करों के भुगतान के लिए mobile app की शुरूआत ।

प्रदेश में स्थित महत्वपूर्ण औद्योगिक एवम् व्यापार केन्द्रों पर विभिन्न करदाताओं से feedback लेने तथा उन्हें पेश आ रही समस्याओं की जानकारी लेने के उद्देश्य से ‘करदाता संवाद अभियान’ आरम्भ किया जाएगा।

अवैध तथा unscientific mining को रोकने के उद्देश्य से एक GIS Based App आरम्भ।

8. समृद्ध और सम्पन्न हिमाचल

वृद्धावस्था, विधवा, एकल नारी, दिव्यांग, कुष्ठ रोगी तथा transgender पेंशन के 40 हज़ार नए पात्र लाभार्थियों को इस योजना में सम्मिलित किया जाएगा।

दिव्यांगजनों की उच्च शिक्षा के लिए कण्डाघाट में एक “Centre of Excellence for Education of Divyangjans” की स्थापना। इसमें आवासीय सुविधाओं, खेल मैदान तथा सभी अन्य सुविधाओं सहित पात्र दिव्यांग बच्चों के लिए रहने के लिए किराये के लिए आर्थिक सहायता दी जाएगी।

0-27 वर्ष की आयु के दिव्यांग बच्चों के लिए आवासीय सुविधाएं, खेल मैदान तथा सभी अन्य सुविधाएं।

Institute for Children with Special Disabilities (ICSA, Dhalli) को Centre of Excellence for Education of Divyangjans” में स्थानान्तरित।

नई योजना “मुख्य मन्त्री सुख आरोग्य योजना” आरम्भ। इसके अन्तर्गत प्रदेश में 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी ऐसे वृद्धों, जोकि आयकर न दे रहे हों, को मुफ्त चिकित्सा सुविधा।

एक नई योजना “मुख्य मन्त्री सुख-शिक्षा योजना” आरम्भ। इसके अन्तर्गत प्रदेश में ऐसी सभी विधवाओं के 27 साल तक की आयु वाले बच्चों की शिक्षा पर होने वाला व्यय प्रदेश सरकार वहन करेगी।

विधवा, निराश्रित, तलाकशुदा और अक्षम माता-पिता के सभी पात्र बच्चों के RD खाते में 18 वर्ष की आयु तक 1 हज़ार रुपये प्रतिमाह दिये जाएंगे।

अनुसूचित जाति, जनजाति तथा अन्य पिछड़े वर्गों के लिए बाजार मांग के अनुरूप GST, Tally, Artificial Intelligence, Data Management, Machine Learning, Cyber Security, Auto- CAD इत्यादि नए Courses.

वाल्मीकि समाज के आईयों तथा कामगारों के लिए आवास निर्माण में राहायता के लिए नई योजना “महर्षि वाल्मीकि कामगार आवास योजना” आरम्भ ।

मनरेगा दिहाड़ी में 60 रुपये की बढ़ौतरी। विधवा, एकल/बेसहारा/दिव्यांग महिला मनरेगा कामगारों को मकान बनाने के लिए 3 लाख रुपये तक की सहायता दी जाएगी।

मुख्य मन्त्री विधवा एवम् एकल नारी आवास योजना के अन्तर्गत ऐसे सभी लाभार्थियोंको गृह निर्माण के लिए दी जा रही डेढ़ लाख रुपये की राशि को बढ़ाकर 3 लाख रुपये।

नगर निगम धर्मशाला, सोलन और शिमला और नगर परिषद् नालागढ़ और परवाणू में Economically Weaker Sections (EWS)/slumdwellers से सम्बन्धित ऐसे व्यक्तियों को 363 मकान आवंटित किए जाएंगे जिनकी वार्षिक आय 3 लाख रुपये से कम है।

Artificial Intelligence (Al) के साथ-साथ data analytics की सहायता से evidence based नीति निर्धारण के लिए work plan की शुरूआत की जाएगी।

निवेशकों द्वारा किये गए 5G connectivity के लिए ऑनलाइन आवेदनों के शीघ्र निपटारे हेतु Right of Way (RoW) Portal को आवश्यक संशोधनों सहित अपडेट।

State Data Centre (SDC) की upgradation का कार्य अगस्त, 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा।

हिम परिवार रजिस्ट्री के सफल कार्यान्वयन के बाद विभिन्न नागरिक सेवाओं को इसके साथ एकीकृत किया जाएगा।

ऑनलाइन चालान के लिए विभागीय अधिकारियों को e- Challan and e-POS Machines उपलब्ध करवाई जाएंगी।

9. कर्मचारी, पैरा वर्करज, मनरेगा कामगार, तथा अन्य वर्गों का कल्याण

कर्मचारियों और पेंशनर्ज के वेतन तथा पेंशन से सम्बन्धित एरियर्ज का भुगतान चरणबद्ध ढंग से 1 मार्च, 2024 से शुरू।

1 जनवरी, 2016 से 31 दिसम्बर, 2021के बीच रिटायर हुए कर्मचारियों के leave encashment and gratuity से सम्बन्धित एरियर्ज का भुगतान चरणबद्ध ढंग से 1 मार्च, 2024 से शुरू।

1 अप्रैल, 2024 से 4 प्रतिशत् की दर से मँहगाई भत्ते की किश्त जारी।

1 अप्रैल, 2024 के बाद प्रदेश के कर्मचारी अपने सेवाकाल में कम से कम दो बार LTC की सुविधा।

दिहाड़ीदारों को 25 रुपये बढ़ौतरी के साथ 400 रुपये प्रतिदिन दिहाड़ी मिलेगी।

आउटसोर्स कर्मियों को अब न्यूनतम 12,000 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे।

पंचायत वैटनरी असिसटेंट को मिलने वाले 7 हजार रुपये प्रतिमाह को बढ़ाकर 7 हजार 500 किया जाएगा।

बढ़े हुए मानदेय के साथ आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को अब 10,000 रुपये मासिक, मिनी आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 7,000 रुपये, आँगनवाड़ी सहायिका को 5,500 रुपये, आशा वर्कर को 5,500 रुपये, मिड डे मील वर्कर्ज को 4,500 रुपये, वाटर कैरियर (शिक्षा विभाग) को 5,000 रुपये, जल रक्षक को 5,300 रुपये, जल शक्ति विभाग के Multi Purpose Workers को 5,000 रुपये, पैरा फिटर तथा पम्प-ऑपरेटर को 6,300 रुपये, दिहाड़ीदारों को 25 रुपये बढ़ौतरी के साथ 400 रुपये प्रतिदिन दिहाड़ी, आउटसोर्स कर्मी को अब न्यूनतम 12,000 रुपये, पंचायत चौकीदार को 8,000 रुपये, राजस्व चौकीदार को 5,800 रुपये, राजस्व लम्बरदार को 4,200 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। इसके साथ सिलाई अध्यापिकाओं के मानदेय में 500 रुपये, SMC अध्यापकों के मानदेय में 1,900 रुपये, IT Teachers को 1,900 रुपये, SPOs को 500 रुपये प्रतिमाह बढ़ौतरी दी जाएगी।

पंचायती राज संस्थाओं में जिला परिषद के अध्यक्षों के मानदेय में 4,000 रुपये, उपाध्यक्षों के 3,000 रुपये, सदस्य जिला परिषद के 1,300 रुपये, अध्यक्ष, पंचायत समिति के 1,900 रुपये, उपाध्यक्ष पंचायत समिति के मानदेय में 1,400 रुपये, सदस्य, पंचायत समिति के मानदेय में 1,200 रुपये, प्रधान के मानदेय में 1,200 रुपये व उप प्रधान ग्राम पंचायत के मानदेय में 800 रुपये प्रतिमाह की वृद्धि के साथ सदस्य ग्राम पंचायत को प्रति बैठक मिलने वाले मानदेय में 250 रुपये की वृद्धि।

स्थानीय नगर निकायों में महापौर के मानदेय में 4,000 रुपये, उप-महापौर नगर निगम के मानदेय में 3,000 रुपये, काऊंसलर नगर निगम के मानदेय में 1,400 रुपये, अध्यक्ष नगर परिषद के मानदेय में 1,700 रुपये, उपाध्यक्ष नगर परिषद के मानदेय में 1,400 रुपये, पार्षद नगर परिषद के मानदेय में 700 रुपये तथा प्रधान नगर पंचायत के मानदेय में 1,400 रुपये, उप-प्रधान नगर पंचायत के मानदेय में 1,100 रुपये एवम् सदस्य नगर पंचायत के मानदेय में 700 रुपये की वृद्धि।

सभी 2 हजार 61 Forest Beats में एक-एक वन मित्र की नियुक्ति ।

वन विभाग में Forests Guards के 100 रिक्त पदों की भर्ती।

भूतपूर्व सैनिकों को मिलने वाली आर्थिक सहायता की राशि को 3,000 रुपये से बढ़कर 5,000 रुपये।

पुलिस कर्मियों की डाइट मनी बढ़कर 1,000 रुपये की गई।

10. अन्य

सभी वाहनों की Fitness, Automated Testing Centres के माध्यम से अनिवार्य ।

बगलामुखी रोपवे का निर्माण कार्य पूरा करके इसी वर्ष में इसे प्रदेश की जनता को समर्पित कर दिया जाएगा।

खैर की silviculture felling से स्थानीय लोगों की आय में वृद्धि। 10 Forest Divisions में लगभग 13 हज़ार खैर के पेड़ काटने की योजना। इससे प्रदेश के राजस्व में भी वृद्धि होगी।

न्यायालय से चील के पेड़ काटने की अनुमति के लिए भी याचिका दायर करेगी। इससे अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होने के साथ-साथ Eco-System Services की गुणवत्ता भी सुधरेगी।

भू-अभिलेखों का अनुवाद संविधान की अनुसूची VIII में सूचीबद्ध विभिन्न भाषाओं में करवाने का कार्य शीघ्र शुरू।

शहरी क्षेत्रों में स्थित police stations के प्रांगण अथवा station के आस-पास उनमें कार्यरत police staff के लिए आवासीय सुविधाएं ।

काँगड़ा के चंगर बड़ोह में sub fire station, मण्डी के कोटली और लडभड़ोल में fire post खोलने तथा ठियोग स्थित fire post को sub fire station में उन्नयन।

निरमंड, कुनिहार और उबादेश (कोटखाई), छोटा भंगाल तथा काँगड़ा के चौराह घाटी में अग्निशमन इकाईयाँ खुलेंगी।

विधायक प्राथमिकताओं के वित्तीय पोषण की वर्तमान सीमा को 175 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 195 करोड़ रुपये किया जाएगा।

विधायक ऐच्छिक निधि’ को 13 लाख रुपये से बढ़ाकर 14 लाख रुपये प्रति विधान सभा क्षेत्र कर दिया जाएगा।

विधायक क्षेत्र विकास निधि’ के अन्तर्गत प्रति विधान सभा क्षेत्र राशि 2 करोड़ 20 लाख रुपये।

2024-25 में 1 हजार करोड़ रुपये उन कार्यों पर खर्च किए जाएंगे जो पूरा होने के करीब हैं।

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