चंबा। विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ हंसराज ने कहा है कि ग्रामीण विकास में जिला परिषद की महत्वपूर्ण भूमिका के दृष्टिगत पंचायत वार्ड स्तर से जरूरतमंद लोगों को प्राथमिकता के आधार पर योजनाओं में शामिल किया जाना चाहिए।
विधानसभा उपाध्यक्ष जिला परिषद की बैठक में विशेष अतिथि के रुप में शिरकत करते हुए बोल रहे थे ।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 वायरस संक्रमण से संपूर्ण विश्व में अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है । सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में विकासात्मक योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम, पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि और 14 वें वित्त आयोग के बाद 15वें वित्त आयोग के माध्यम से आवश्यक धनराशि की उपलब्धता को सुनिश्चित बनाया जा रहा है ।
ज़िला चंबा चूंकि आकांक्षी जिला की सूची में भी है । ऐसे में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए जिला परिषद के सदस्यों की भूमिका और भी बढ़ जाती है ।
डॉ हंसराज ने जिला परिषद, पंचायत समिति और ग्राम पंचायत द्वारा विकास से संबंधित गतिविधियों को समन्वय आधारित बनाने की बात भी कहीं ।
वर्तमान परिवेश में विभिन्न परिस्थितियों को मद्देनजर रखते हुए विधानसभा उपाध्यक्ष ने लोगों को कृषि, बागवानी व पशुपालन व्यवसाय में बृहद बदलाव की आवश्यकता पर जोर देते हुए परिषद सदस्य से इन गतिविधियों को कार्य योजना का हिस्सा बनाने का भी आग्रह किया ।
उन्होंने यह भी कहा कि संबंधित विधायक के साथ परिषद सदस्य द्वारा योजनाओं की रुपरेखा को तय करने में समन्वय और संवाद महत्वपूर्ण है । विधानसभा उपाध्यक्ष ने जिला पंचायत अधिकारी से जिला परिषद की आगामी बैठक में सभी विधायकों को आमंत्रित करने को कहा ।
बैठक में जिला के सभी महत्वपूर्ण विभागों के अधिकारियों की उपस्थिति को सुनिश्चित बनाने के लिए उन्होंने प्रशासन को निर्देश भी दिए ।
बैठक में विभिन्न योजनाओं की समीक्षा सहित परिषद के सदस्यों को कार्य निष्पादन में आ रही समस्याओं पर भी विस्तृत चर्चा की गई ।
अध्यक्ष जिला परिषद नीलम कुमारी की अगुवाई में सदस्यों ने विधानसभा उपाध्यक्ष को 15 वें वित्त आयोग शीर्ष के तहत अनुदान राशि को 15 प्रतिशत से 25 प्रतिशत बढ़ाने , अनुदान राशि को अन टाईड करने , जिला परिषद कार्यालय में आवश्यक कर्मचारियों की उपलब्धता , कार्य निष्पादन कमेटी के गठन और परिषद सदस्य के मानदेय को बढ़ाने के लिए मांग पत्र भी सौंपा ।
विधानसभा उपाध्यक्ष ने सदस्यों द्वारा रखी गई मांगों को समाधान के लिए मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश और पंचायती राज मंत्री के समक्ष रखने का भरोसा दिया ।