शिमला-मटौर तथा मंडी-पठानकोट सड़क परियोजनाओं को फोरलेन करने को सैद्धांतिक मंजूरी

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शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में हाल ही में मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे के दौरान केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री के साथ प्रदेश में सड़क अधोसंरचना के विकास को लेकर हुई चर्चा के दौरान उठाए गए विभिन्न मामलों की प्रगति की समीक्षा की गई।

दिल्ली में प्राधिकरण के सदस्य मनोज कुमार इस बैठक में विशेष रूप से उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सड़क सम्पर्क को सुदृढ़ करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण प्रदेश में संचालित की जा रही फोरलेन सड़क परियोजनाओं को तीव्र गति प्रदान करे।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने वन स्वीकृतियों सहित अन्य सभी प्रक्रियाओं को सरल एवं समयबद्ध किया है। राज्य सरकार सड़कों के विकास में प्राधिकरण को हरसंभव मदद करेगी।

उन्होंने कहा कि लगभग 10 हजार करोड़ रुपए की शिमला से मटौर तथा लगभग 12 हजार करोड़ रुपए की पठानकोट से मंडी तक फोरलेन सड़क तैयार करने के लिए प्राधिकरण सैद्धांतिक तौर पर सहमत हो गया है।

इसके साथ ही प्रदेश में सड़कों के विस्तारीकरण के दौरान पहाड़ों की कटाई से होने वाले भू-स्खलन एवं पत्थर इत्यादि गिरने से रोकने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एक कांसेप्ट पेपर तैयार करेगा।

उन्होंने कहा कि बारिश में इन सड़कों पर पत्थर एवं मलबा इत्यादि गिरने से रोकने की परियोजना पर एनएचआई के माध्यम से लगभग 300 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि सड़क सम्पर्क बेहतर होने से यहां पर्यटकों की आमद बढ़ेगी और उन्हें बेहतर सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कांगड़ा को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है और इस दृष्टि से भी पठानकोट-मंडी व शिमला-मटौर फोरलेन सड़क परियोजनाएं महत्वपूर्ण हैं।

उन्होंने कहा कि मंडी शहर के समीप 19 किलोमीटर के भाग को छोड़कर पठानकोट-मंडी फोरलेन सड़क परियोजना के विभिन्न पैकेज की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट शीघ्र तैयार की जाए। इसके अतिरिक्त उन्होंने हमीरपुर बाईपास की डीपीआर जल्द तैयार करने के भी निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार विद्युत चालित वाहनों के संचालन को भी बढ़ावा दे रही है। ऐसे में प्राधिकरण इन फोरलेन सड़क परियोजनाओं में विद्युत चालित वाहनों के लिए उचित दूरी पर चार्जिंग स्टेशन का भी प्रावधान रखे। उन्होंने कहा कि सड़कों की दूरी कम करने तथा लोगों के बहुमूल्य समय की बचत के उद्देश्य से यहां सुरंग निर्माण की संभावनाएं भी तलाशी जाएं।

उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित की गई भूमि का मुआवज़ा प्रदान करने के लिए प्रक्रिया तेज की गई है और सबंधित उपायुक्तों को इस बारे में आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के सहयोग से बस पोर्ट का व्यवसायिक मॉडल तैयार करने तथा राज्य में रोप-वे परियोजनाओं विशेष तौर पर हिमानी चामुंडा एवं बिजली महादेव रोप-वे के विकास में एनएचएआई से आवश्यक सहयोग पर भी बैठक में विस्तार से चर्चा की गई।

इसके अतिरिक्त फोरलेन सड़कों के मैदानी क्षेत्रों वाले भागों में वाहनों की गति सीमा बढ़ाने, इन सड़क मार्गों के किनारे वे-साईड सुविधाएं उपलब्ध करवाने तथा राजस्व आवंटन से संबंधित मामलों पर भी विचार-विमर्श किया गया।

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