शिमला। हिमाचल प्रदेश के दुर्गम और बर्फीले क्षेत्रों में चिट्ठियों और अन्य डाक सामग्री को पहुंचाने के लिए ड्रोन तकनीक का सफल परीक्षण किया है।
यह ट्रायल विशेष रूप से शिमला के ऊपरी क्षेत्रों में किया गया, जहां सड़क संपर्क सीमित होने और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण डाक पहुंचाना चुनौतीपूर्ण होता है। इस प्रयास का उद्देश्य तेज, सुरक्षित और समय पर डाक सेवा सुनिश्चित करना है।
परीक्षण के दौरान, ड्रोन ने शिमला उप डाकघर से हटकोटी शाखा डाकघर तक मात्र 10 मिनट में चिट्ठियां पहुंचाईं। सामान्यतः यह कार्य सड़क मार्ग से पूरा करने में घंटों लग जाते हैं। इस सेवा को क्षेत्रीय निवासियों द्वारा उत्साहपूर्वक सराहा गया है।
डाक विभाग के अधिकारियों ने अनुसार यह तकनीक विशेष रूप से उन गांवों और क्षेत्रों में प्रभावी सिद्ध होगी, जहां पारंपरिक परिवहन साधनों की पहुंच सीमित है। भविष्य में, इस तकनीक को और भी व्यापक क्षेत्रों में लागू करने की योजना है।
इस परीक्षण में गुरुग्राम स्थित भारत की सबसे बड़ी ड्रोन लॉजिस्टिक्स कंपनी, स्काई एयर मोबिलिटी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
स्काई एयर के सीईओ अंकित कुमार ने बताया कि स्काई एयर के ड्रोन ने शिमला उप डाकघर से हटकोटी शाखा डाकघर तक मात्र 10 मिनट में चिट्ठियां पहुंचाईं। सामान्यतः यह कार्य सड़क मार्ग से पूरा करने में घंटों लग जाते हैं। इस सेवा को क्षेत्रीय निवासियों द्वारा उत्साहपूर्वक सराहा गया है।
उप डाकघर हाटकोटी के प्रभारी अंकुश के अनुसार ड्रोन से डाक ट्रायल के तौर पर कुछ शाखा डाकघरों को भेजी जा रही है। ड्रोन से डाक पहुंचाने की सेवा 12 नवंबर से 24 जनवरी तक चल रही है।
विभाग के निरीक्षक तेजस्वी महाजन के अनुसार दुर्गम क्षेत्रों में ड्रोन से डाक भेजने का ट्रायल चल रहा है। यदि ट्रायल सफल रहा तो इस तकनीक को नियमित लागू किया जाएगा।
ड्रोन तकनीक के सफल उपयोग से, डाक विभाग ने डिजिटल और तकनीकी युग में कदम बढ़ाते हुए ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है।
डाक विभाग उप डाकघर हाटकोटी से सुबह 9 से 12 बजे के बीच शाखा डाकघर नंदपुर, कठासु, अंटी और झड़ग के लिए ड्रोन से डाक भिजवा रहा है। एक समय में सात किलो तक भार उठाने की क्षमता वाला ड्रोन पांच से दस मिनट उड़ रहा है। जिस शाखा में ड्रोन से डाक भेजी जाती है, वहां पर पहले से डाक कर्मी तैनात रहता है।