शिमला। जाइका वानिकी परियोजना के सौजन्य से शनिवार को मशोबरा में प्रोजेक्ट के डिप्टी रेंजर्स को लेखांकन एवं लेखापालन का पाठ पढ़ाया। यहां आयोजित एक दिवसयीय कार्यशाला का मुख्य लक्ष्य जाइका वानिकी परियोजना के तहत 22 वन मंडलों के डिप्टी रेंजर्स को परियोजना से संबंधित लेखा-जोखा से अवगत करवाना था।
इस अवसर पर परियोजना के अतिरिक्त परियोजना निदेशक डीके विज ने यहां मौजूद सभी डिप्टी रेंजर्स को परियोजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि आज जाइका वानिकी परियोजना की पहचान आज विदेशों में भी हो चुकी है।
हिमाचल प्रदेश में मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया के नेतृत्व वाली टीम पिछले चार वर्षों से बेहतरीन कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि जाइका जाइका वानिकी परियोजना के तहत प्रदेश में 920 स्वयं समूहों को शामिल किए जा रहे हैं।
डीके विज ने कहा कि डिप्टी रेंजर्स के लिए आयोजित इस कार्यशाला में उन्हें लेखांकन एवं लेखापालन को और आधुनिकीकरण करने के लिए तीन सीए यानी चार्टेड अकाउंटेंट्स ने विस्तृत जानकारी दी।
इस अवसर पर चार्टेट अकाउंटेंट अतुल तिवारी, नवीन डोगरा और पियूष शर्मा ने लेखा से संबंधित ज्ञान सांझा किए। कार्यशाला के दौरान जाइका वानिकी परियोजना की ओर पीएमयू शिमला का स्टाफ भी मौजूद रहा।