आज का हिन्दू पंचांग
दिनांक – 03 नवंबर 2021
दिन – बुधवार
विक्रम संवत – 2078 (गुजरात – 2077)
शक संवत -1943
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – हेमंत
मास – कार्तिक (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार अश्विन)
पक्ष – कृष्ण
तिथि – त्रयोदशी सुबह 09:02 तक तत्पश्चात चतुर्दशी
नक्षत्र – हस्त सुबह 09:58 तक तत्पश्चात चित्रा
योग – विषकंभ दोपहर 02:54 तक तत्पश्चात प्रीति
राहुकाल – दोपहर 12:22 से दोपहर 01:47 तक
सूर्योदय – 06:43
सूर्यास्त – 18:00
दिशाशूल – उत्तर दिशा में
व्रत पर्व विवरण –
नरक चतुर्दशी, काली चौदस (गुजरात), मासिक शिवरात्रि, चतुर्दशी क्षय तिथि
विशेष –
त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है।
(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
दिवाली के दिन
दिवाली के दिन घर के पहले द्वार पर चावल का आटा और हल्दी का मिश्रण करके स्वस्तिक अथवा ॐ लगा देना, ताकि गृह दोष दूर हों और लक्ष्मी की स्थिति हो ।*
लक्ष्मी प्राप्ति के उपाय
दीपावली (4 नवम्बर 2021) गुरुवार की रात मुख्य दरवाजे के बाहर दोनों तरफ १-१ दिया गेहूँ के ढेर पे जलाएं और कोशिश करें कि दिया पूरी रात जले। आपके घर में सुख समृद्धि की वृद्धि होगी।
जिनके घर में आर्थिक परेशानी हो वो घर में भगवती लक्ष्मी का पूजन करें।
ॐ महालक्ष्मऐ नमः
ॐ विष्णुप्रियाऐ नमः
ॐ श्रीं नमः
इन मन्त्रों में से किसी एक मंत्र का जप करें।
रात को चंद्रमा को अर्घ्य दें।
अर्घ्य देते समय :
ॐ सोमाय नमः
ॐ चन्द्रमसे नमः
ॐ रोहिणी कान्ताय नमः
ॐ सोमाय नमः
ॐ चन्द्रमसे नमः
ॐ रोहिणी कान्ताय नमः
इन मन्त्रों से पूजन करें
दिवाली की रात को चाँदी की छोटी कटोरी या दिये में कपूर जलने से दैहिक दैविक और भौतिक परेशानी/कष्टों से मुक्ति होती है।
दिवाली के दिन स्फटिक की माला से इन मन्त्रों के जप करने से लक्ष्मी आती हैं।
ॐ महालक्ष्मऐ नमः
ॐ विष्णुप्रियाऐ नमः
ॐ श्रीं नमः
दिवाली की रात गणेशजी को लक्ष्मी जी के बाएं रख कर पूजा की जाये तो कष्ट दूर होते हैं।
अगर घर में खींचातानी हो या दुकान में बरकत नहीं हो तो हर रविवार को एक लोटे में जल भर कर २१ बार गायत्री मन्त्र (ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यम भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात) का जप करके जल को दीवारों पर छाँट दें।
पर ध्यान रहे कि पैरों के नीचे जल ना आये इसलिए दीवारों पर ही छाँटना है।
दिवाली में
दीपावली की सुबह तेल से मालिश करके स्नान करना चाहिए।
भूत प्रेत से रक्षा
दिवाली (4 नवम्बर) गुरुवार के दिन सरसों के तेल का या शुद्ध घी का दिया जलाकर काजल बना लें।
ये काजल लगाने से भूत प्रेत पिशाच, डाकिनी से रक्षा होती है और बुरी नजर से भी रक्षा होती है।
माँ लक्ष्मी मन्त्र
दिवाली (04 नवम्बर 2021) गुरुवार की रात कुबेर भगवान ने लक्ष्मी जी की आराधना की थी तो कुबेर बन गए। जो धनाढ्य लोगो से भी बड़े धनाढ्य हैं, सभी धन के स्वामी हैं। ऐसा इस काल का महत्त्व है।
दिया जला के जप करने वाले को धन, सामर्थ्य , ऐश्वर्य पाएं। ध्रुव, राजा प्रियव्रत ने भी आज की रात को लक्ष्मी प्राप्ति का, वैभव प्राप्ति का जप किया था। मन्त्र बहुत सरल है। मन्त्र का फल प्राप्त करने के लिए श्रद्धा से मंत्र सुनें।
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा
दिवाली में करने योग्य
१. श्री सुरेशानंदजी ने कहा है कि दीपावली के दिन श्री राम अयोध्या आए थे, तो हमारे जीवन में भी श्री राम (ज्ञान), सीताजी (भक्ति) और लक्ष्मणजी (वैराग्य) आएं।
२. दीपावली के दिन रात भर घी का दिया जले सूर्योदय तक, तो बड़ा शुभ माना जाता है।
३. दीपावली के दिन चांदी की कटोरी में अगर कपूर को जलायें, तो परिवार में तीनों तापों से रक्षा होती है।
४. हर अमावस्या को (और दिवाली को भी) पीपल के पेड़ के नीचे दिया जलाने से पितृ और देवता प्रसन्न होते हैं और अच्छी आत्माएं घर में जन्म लेती हैं।
५. नूतन वर्ष के दिन (दीपावली के अगले दिन ), गाय के खुर की मिट्टी से अथवा तुलसीजी की मिट्टी से तिलक करें, सुख-शान्ति में बरकत होगी।
६. दीपावली की शाम को अशोक वृक्ष के नीचे घी का दिया जलायें, तो बहुत शुभ माना जाता है।