धर्मशाला। प्रदेश के चुने गए विधायकों को काला नाग व काली भेड़ें कहना दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार अल्पमत है, ऐसे में सीएम सुक्खू को नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
यह बात हिमाचल प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ भाजपा नेता, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष, पूर्व मंत्री, कांगड़ा-चंबा प्रभारी व सुलाह विधानसभा क्षेत्र के विधायक विपिन सिंह परमार तथा हिमाचल प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष व कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र के विधायक पवन काजल ने संयुक्त बयान में कही।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के मुखिया द्वारा चुने गए विधायकों को कभी काले नाग कहा जाता है तो कभी उन्हें काली भेड़ें कहा जाता है, यह शब्द प्रदेश के सबसे बड़े पद पर बैठे मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू को शोभा नहीं देते।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा चुने हुए विधायकों के लिए इस तरह के शब्द कहना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से मुख्यमंत्री बागी विधायकों पर टिप्पणी कर रहे हैं, उससे तो लगता है कि सीएम सुक्खू डरे हुए हैं, क्योंकि सरकार अल्पमत में आ चुकी है।
भाजपा नेताओं ने कहा कि सीएम सुक्खू को नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। प्रदेश की जनता जान चुकी है कि सरकार डरी हुई है, यही नहीं कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भी अब सुक्खू सरकार पर भरोसा नहीं है।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि प्रदेश आज इस हालत में है कि सीएम को यह कहना पड़ रहा है कि कुर्सी चुराने की कोशिश की तो जन आंदोलन होगा, इससे स्पष्ट है कि सीएम को प्रदेश की नहीं, बल्कि अपनी कुर्सी की चिंता है, जनता की समस्याओं और सुविधाओं से सीएम को कुछ लेना-देना नहीं है।
भाजपा नेताओं ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार का जाना तय है। उन्होंने कहा कि आज देश को जरूरत नरेंद्र मोदी हैं, जो कि तीसरी बाद प्रधानमंत्री बनेंगे। प्रदेश सरकार को लोकसभा चुनाव में जनता सबक सिखाएगी।