भगवान् शिव की तपोस्थली और शिरगुल नगरी चूड़धार में बर्फबारी

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नेरवा, नोविता सूद। मई माह में गर्मी झुलसा रही हो और इस बीच बर्फवारी हो जाए तो यह अपने आप में एक रोमांचित करने वाला एहसास होगा।

जी हाँ, कुछ ऐसा ही एहसास उपमंडल चौपाल के लोग अनुभव कर रहे हैं। भगवान् शिव की तपोस्थली और शिरगुल नगरी चूड़धार में बर्फवारी होने से लोग अचम्भे में हैं।

अप्रैल महीने तक तो चूड़धार में बर्फवारी होती देखी गई है, परन्तु मई महीने के आखिरी हफ्ते में हुई बर्फवारी करीब साढ़े छह दशक के बाद हुई बताई जा रही है।

सोमवार सुबह लोगों ने उठते ही जब चूड़धार में सफ़ेद चादर बिखरी देखी तो पहले तो यह समझा गया कि रात को ओले गिरने से यह चादर जम गई है, परन्तु पुष्टि करने पर उनका यह भ्रम समाप्त हो गया एवं पता चला कि चूड़धार में रात को करीब अढ़ाई इंच बर्फवारी हुई है।

इन दिनों उत्तराखंड के जौनसार बाबर, जिला सिरमौर और कई अन्य क्षेत्रों से प्रतिदिन सैंकड़ों श्रद्धालु चूड़धार पंहुच रहे हैं।

रविवार को छुट्टी के चलते काफी संख्या में श्रद्धालु चूड़धार में रुके हुए थे। इन श्रद्धालुओं ने सुबह उठते ही जब चूड़धार का नजारा देखा तो दंग रह गए।

उधर,चूड़धार में ताजा हिमपात के बाद उपमंडल चौपाल का मौसम खुशगवार हो गया है।

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