बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम को जिला के प्रत्येक खण्ड के दूर-दराज क्षेत्रों में प्रचारित व प्रसारित करने पर उपायुक्त ने दिया बल

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शिमला। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम को जिला के प्रत्येक खण्ड के दूर-दराज क्षेत्रों में प्रचारित व प्रसारित कर जागरूकता प्रदान करने के लिए जिला महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी नैतिक जिम्मेदारी मानते हुए कार्य करें।

यह जानकारी आज उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने बचत भवन शिमला में जागरूकता शिविर व बालिका पुरस्कार वितरण समारोह की अध्यक्षता करते हुए अपने संबोधन में दी।

उन्होंने कहा कि इन दूर-दराज क्षेत्रों में जाकर इस योजना के अतिरिक्त विभागीय अन्य योजनाओं के प्रति भी जानकारी व जागरूकता प्रदान की जाएगी ताकि दूर-दराज के इलाकों के लोगों को इन योजनाओं की जानकारी मिल सके तथा वे लाभ प्राप्त कर सके।

उन्होंने बताया कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लोगों के बीच बेटियों के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना है। जिला प्रशासन द्वारा बेटियों को प्रोत्साहित करने व उनके सम्मान में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था, जिसमें से एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम अनन्या था, जिसके परिणामस्वरूप आज जिला शिमला में लिंगानुपात 999.72 प्रतिशत पहुंच चुका है।

उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त कार्यक्रम का उददेश्य शिक्षा, खेल तथा अन्य क्षेत्रों में बेहतर कार्य करने वाली छात्राओं को सम्मानित करना है ताकि आगे चलकर वह बेटियां और अधिक नाम कमाकर समाज में उदाहरण बनकर उभरे, जिससे समाज में बची हुई रूढ़ीवाद सोच को समाप्त किया जा सके।

इस अवसर पर उपायुक्त ने उपस्थित सभी लोगों को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की शपथ दिलाई तथा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के तहत हस्ताक्षर अभियान का भी शुभारम्भ किया ।

उपायुक्त ने बताया कि इसी कार्यक्रम के संबंध में आज घरेलु हिंसा, लिंग संवेदीकरण, साईबर अपराध, प्रसव पूर्व लिंग जांच व पोस्को अधिनियम पर आधारित विशेषज्ञों के व्याख्यान का भी आयोजन किया गया है।

लोक प्रशासन विभाग हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला से प्रो. ममता मोक्टा ने लिंग संवेदीकरण पर अपने विचार व्यक्त किए, जिसमें उन्होंने समाज में महिलाओं की स्थिति सतत् विकास लक्ष्य, वैश्विक लिंग सूचकांक व दुनिया में महिलाओं की स्थिति पर अपना व्याख्यान रखा।

न्यायधीश विकास गुप्ता व अधिवक्त्ता किरण ने घरेलु हिंसा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीर ठाकुर ने पोस्को अधिनियम, जिला कार्यक्रम अधिकारी स्वास्थ्य डाॅ महेश जस्वाल व मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ सुरेखा चौपड़ा ने प्रसव पूर्व लिंग जांच बारे अपने विचार व्यक्त किए।

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