प्रदेश वन पारिस्थतिकी तंत्र प्रबंधन एवं आजीविका सुधार परियोजना की बैठक आयोजित

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हिमाचल। प्रदेश वन पारिस्थतिकी तंत्र प्रबंधन एवं आजीविका सुधार परियोजना (जाइका वित्तपोषित) की 8 वीं गवर्निंग बॉडी की बैठक राज्य सचिवालय शिमला में हुई, जिसकी अध्यक्षता प्रधान सचिव (वन) ओंकार शर्मा ने की।

बैठक के प्रारम्भ में अतिरिक्त मुख्य अरण्यपाल एवं मुख्य परियोजना निदेशक (जाइका) नागेश कुमार गुलेरिया ने जाइका वानिकी परियोजना के अंतर्गत होने वाले कार्यों की विस्तृत जानकारी दी और पूर्व में हुई गवर्निंग बॉडी की बैठकों की संक्षिप्त जानकारी भी बैठक में रखी।

उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि जाइका वानिकी परियोजना के तहत विभिन्न विकासात्मक व आजीविका वर्धन के कार्य परियोजना के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि 400 से अधिक माइक्रोप्लान, बिज़नेस प्लान स्वयं सहायता समूहों की आजीविका बढ़ाने के लिए तैयार किए जा चुके हैं और वित् वर्ष 2022 -2023 में 500 से अधिक नए स्वयं सहायता समूह के साथ काम करने के लक्ष्य की ओर अग्रसर है।

परियोजना की विभिन्न सफलताओं की कहानियों के बारे में भी उन्होंने बताया। एक उदाहरण घुमारवीं का है, जिसमें 10 महिलाओं के स्वयं सहायता समूह जागृति ने मधुमखी पालन से लगभग 40 हज़ार का शहद बेचा और प्रति महिला को 4 हज़ार का मुनाफा हुआ। इसकी मांग स्थानीय बाजार, जिला व प्रदेश स्तर के बाज़ारों में भी बढ़ने लगी है।

परियोजना में 22 से अधिक आजीविका वर्धन गतिविधियां चलाई जा रही हैं जिसमें सिलाई – कढ़ाई, मशरुम उत्पादन, टौर के पतों से डूने व पत्तलें मुख्य गतिविधियां हैं और इनकी मार्केटिंग के लिए विभिन्न माध्यम उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

बैठक के दौरान प्रधान सचिव (वन) ओंकार शर्मा ने जाइका वानिकी परियोजना के अंतर्गत होने वाले कार्यों की सराहना की और कहा कि हमें परियोजना के माध्यम से ऐसे उदाहरण स्थापित करने चाहिए जिससे लोगों का विश्वास और उत्साह परियोजना के प्रति बढ़े।

उन्होंने पहले से कार्य कर रहे स्वयं सहायता समूहों को और अधिक सशक्त बनाने का आह्वान किया। बैठक में विभिन संस्थानों से आए प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव व विचार रखे।

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