शिमला। असम के मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्वा सरमा ने असम के सोनितपुर में एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एसजीईएल), एसजेवीएन की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी द्वारा विकसित की जा रही 50 मेगावाट की सौर परियोजना के लिए भूमि पूजन किया।
इस अवसर पर असम के आवास और शहरी मामलों के मंत्री अशोक सिंघल, तेजपुर के सांसद पल्लब लोचन दास, बरचल्ला के विधायक गणेश कुमार लिम्बु, विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव अजय तिवारी, एसजेवीएन के निदेशक (वित्त) अखिलेश्वर सिंह, एसजीईएल के सीईओ अजय सिंह और एपीडीसीएल के प्रबंध निदेशक राकेश कुमार भी उपस्थित रहे।
गीता कपूर, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन ने बताया कि एसजेवीएन असम में अपनी उपस्थिति दर्ज करते हुए राज्य में 320 मेगावाट की तीन सौर परियोजनाएं विकसित कर रहा है।
असम के जिला सोनितपुर में ढेकियाजुली राजस्व क्षेत्र के अंतर्गत बरसोला ब्लॉक के ग्राम सीतलमढ़ी में 50 मेगावाट की सौर परियोजना विकसित की जा रही है। इस परियोजना को 291 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से निर्मित किया जाएगा।
परियोजना से प्रथम वर्ष में 101 मिलियन यूनिट हरित ऊर्जा का उत्पादन होगा और 25 वर्षों की अवधि में संचयी ऊर्जा उत्पादन लगभग 2319 मिलियन यूनिट होगा।
इस परियोजना से उत्पादित विद्युत की आपूर्ति असम पावर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड को 3.92 रुपए प्रति यूनिट की दर पर की जाएगी। यह सौर परियोजना 1,13,653 टन कार्बन उत्सर्जन में कमी के साथ शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने के देश के लक्ष्य में योगदान देगी।
गीता कपूर ने आगे बताया कि एसजेवीएन का नवीकरणीय निकाय एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एसजीईएल) असम राज्य में 200 मेगावाट, 70 मेगावाट और 50 मेगावाट की कुल 320 मेगावाट की तीन सौर परियोजनाओं को विकसित कर रहा है।
एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 मार्च।को असम के धुबड़ी में 70 मेगावाट सौर परियोजना की आधारशिला रखी।
भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रणाधीन एक मिनी रत्न, शेड्यूल ‘ए’ सीपीएसई एसजेवीएन ने 2377 मेगावाट की स्थापित क्षमता की कुल तेरह परियोजनाएं और 123 किमी ट्रांसमिशन लाइनों की कमीशनिंग की हैं।
एसजेवीएन वर्ष 2030 तक 25,000 मेगावाट और वर्ष 2040 तक 50,000 मेगावाट के अपने साझा लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए तीव्रता से प्रगति पर है। यह साझा विजन वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन-आधारित ऊर्जा संसाधनों से 50% ऊर्जा उत्पादन करने की भारत सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप तैयार किया गया है।