आज का हिन्दू पंचांग
दिनांक 28 सितम्बर 2021
दिन – मंगलवार
विक्रम संवत – 2078 (गुजरात – 2077)
शक संवत -1943
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शरद
मास -अश्विन (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार – भाद्रपद)
पक्ष – कृष्ण
तिथि – सप्तमी शाम 6:16 तक तत्पश्चात अष्टमी
नक्षत्र – मृगशिरा रात्रि 8:44 तक तत्पश्चात आर्द्रा
योग – व्यतिपात शाम 5:51 तक तत्पश्चात वरीयान्
राहुकाल – शाम 3:29 से शाम 04:59 तक
सूर्योदय – 6:30
सूर्यास्त – 18:28
दिशाशूल – उत्तर दिशा में
व्रत पर्व विवरण – सप्तमी का श्राद्ध, महालक्ष्मी व्रत समाप्त
विशेष – सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है तथा शरीर का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
इससे आपका मन लगने लगेगा
यदि दुकान अथवा व्यवसाय-स्थल पर आपका मन नहीं लगता है तो इसके लिए आप जिस स्थान पर बैठते हैं वहाँ थोडा-सा कपूर जलायें, अपनी पसंद के पुष्प रखें और स्वस्तिक या ॐकार को अपलक नेत्रों से देखते हुए कम-से-कम ५ – ७ बार ॐकार का दीर्घ उच्चारण करें।
अपने पीछे दीवार पर ऊपर ऐसा चित्र लगायें जिसमें प्राकृतिक सौंदर्य हो, ऊँचे –ऊँचे पहाड़ हों परंतु वे नुकीले न हों और न ही उस चित्र में जल हो अथवा यथायोग्य किसी स्थान पर आत्मज्ञानी महापुरुषों, देवी-देवताओं के चित्र लगायें। इससे आपका मन लगने लगेगा।
पितृ पक्ष
अभी पितृ पक्ष चल रहा है। अपने घर के लोग जो गुजर गये हैं। उनकी आत्मा को शांति देने के लिए इतना जरूर करें कि अब सर्व पितृ अमावस्या आयेगी, (6 अक्टूबर 2021 बुधवार को ) उस दिन गीता का 7 अध्याय पाठ करें, सूर्य भगवान के सामने जल और अन्न ले जाकर प्रार्थना करें कि: “हे सूर्यदेव, यमराज आपके पुत्र हैं, हमारे घर के जो भी गुजर गये उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें, आज के गीता के पाठ का पुण्य उनके लिए दीजिये” पितृ गण राजी होंगे, घर में अच्छी संतान जन्म लेगी यह सर्व पितृ अमावस्या के दिन जरूर करें।
उन्नतिकारक कुंजियाँ
हल्का भोजन करने से शरीर में स्थूलता कम होती है, मन भी सूक्ष्म होता है। सूक्ष्म मन प्रसन्नता का द्योतक है।
भृकुटी में तिलक करने से ज्ञानशक्ति का विकास होता है।