दिनांक – 8 अगस्त
दिन – सोमवार
विक्रम संवत – 2079 (गुजरात-2078)
शक संवत -1944
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – वर्षा ऋतु
मास -श्रावण
पक्ष – शुक्ल
तिथि – एकादशी रात्रि 9:00 तक तत्पश्चात द्वादशी
नक्षत्र – जेष्ठा दोपहर 02:37 तक तत्पश्चात मूल
योग – इन्द्र सुबह 6:56 तक तत्पश्चात वैधृति
राहुकाल – सुबह 7:52 से सुबह 09:29 तक
सूर्योदय – 6:15
सूर्यास्त – 19:12
दिशाशूल – पूर्व दिशा में
व्रत पर्व विवरण – पुत्रदा- पवित्रा एकादशी
विशेष – हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है। राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।
आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है।
एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।
एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है। एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।
जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।
पुत्रदा एकादशी
7 अगस्त रविवार को रात्रि 11:51 से 8 अगस्त, सोमवार को रात्रि 9 तक एकादशी है ।
विशेष – 8 अगस्त, सोमवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें ।
पुत्रदा एकादशी ( पुत्र की इच्छा से इसका व्रत करने वाला पुत्र पाकर स्वर्ग का अधिकारी भी हो जाता है।