आज है अजा एकादशी का व्रत, करें यह उपाय

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आज का पंचांग

दिनांक 3 सितम्बर 2021

दिन – शुक्रवार

विक्रम संवत – 2078 (गुजरात – 2077)

शक संवत – 1943

अयन – दक्षिणायन

ऋतु – शरद

मास-भाद्रपद (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार – श्रावण)

पक्ष – कृष्ण

तिथि – एकादशी सुबह 07:44 तक तत्पश्चात द्वादशी

नक्षत्र -पुनर्वसु शाम 04:42 तक तत्पश्चात पुष्य

योग – व्यतिपात सुबह 10:10 तक तत्पश्चात वरीयान

राहुकाल – सुबह 11:04 से दोपहर 12:38 तक

सूर्योदय – 06:23

सूर्यास्त – 18:51

दिशाशूल – पश्चिम दिशा में

व्रत पर्व विवरण –

अजा एकादशी पर्युषण पर्व प्रारंभ- चतुर्थी पक्ष (जैन)

विशेष –

हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।

आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है।

एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।

एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है।

एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।

जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।

शांति के साथ आर्थिक सम्पन्नता लाने हेतु

सोते समय किसी सफेद कागज में थोडा-सा कपूर रखें और प्रात: उसे घर से बाहर जला दें।

इससे घर में शांति के साथ आर्थिक सम्पन्नता आती है।

चिंता, चिडचिडापन व तनाव कम करने हेतु

जो व्यक्ति स्नान करते समय पानी में ( 5 मिली) गुलाबजल मिलाकर ‘ॐ ह्रीं गंगायै ॐ ह्रीं स्वाहा।

यह मंत्र बोलते हुए सर पर जल डालता है, उसे गंगा-स्नान का पुण्य होता है तथा साथ ही मानसिक चिंताओं में कमी आती है और तनाव धीरे-धीरे दूर होने लगता है, विचारों का शोधन होने लगता है, चिडचिडापन कम होता है तथा वह अपने –आपको तरोताजा अनुभव करता है।

इससे आपके घर में सुख-शांति की वृद्धि होगी

संध्या के समय घर में किसी को सोना नहीं चाहिए।

उस समय घर के प्रत्येक कक्ष में कुछ देर के लिए रोशनी अवश्य कर दें।

यदि सम्भव हो तो बीमार व्यक्ति भी भले बिस्तर पर ही सही, निद्रा त्यागकर बैठ जाय।

सभी लोग मन-ही-मन भगवन्नाम का सुमिरन करें।

इससे घर में सुख-शांति की वृद्धि होती है।

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