शिमला। कोरोना काल के दौरान मार्च 2020 से 18 मार्च तक इन्दिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला में कुल 728 चिकित्सकों ने अपनी सेवाएं दीं।
इन 728 चिकित्सकों में से 205 चिकित्सकों ने कोरोना से निपटने के लिए आईजीएमसी में बनाये गए विशेष कोविड सेन्टर में अपनी सेवाएं दीं।
वहीं इसी दौरान अस्पताल में कुल 225 चिकित्सक कोरोना संक्रमित पाए गए तथा इनको कोविड-19 दिशानिर्देशों व प्रोटोकॉल के अनुसार होम क्वारंटाइन/ संस्थागत क्वारंटाइन व उपचार के लिए अल्प अवधि के लिए सेवारहित भी रहना पड़ा।
यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्री राजीव सहजल ने विधानसभा के बजट सत्र में नाचन से विधायक विनोद कुमार के प्रश्न के उत्तर में दी।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना काल में जिन डॉक्टर्स, नर्सेज, पैरा मेडिकल स्टाफ और सफाई कर्मचारियों ने अपनी सेवाएं दीं हैं, उनको सरकार सम्मानित करने का विचार रखती है।
इसी प्रश्न में भाग लेते हुए नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री के प्रश्न के उत्तर में स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि शुक्रवार तक प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 60207 पहुंच गई थी और इसी बीमारी से 1003 लोगों ने अपनी जान गंवाई है।
प्रदेश में अभी तक 1,90,000 लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई जा चुकी है।
इसी चर्चा के दौरान सुखविंद्र सिंह सुक्खू के प्रश्न पर राजीव सहजल ने बताया कि एक चिकित्सक की मौत कोरोना की वजह से हुई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोरोना काल में जिन स्वास्थ्य कर्मचारियों ने अपनी सेवाएं दीं हैं उन्हें कोई अलग से इंसेंटिव देने का कोई विचार सरकार नहीं कर रही है।