सरकार हर मोर्चे पर हुई फेल और फ्लॉप: राणा

Spread with love

हमीरपुर। बीजेपी सरकार के तीसरे वर्ष में अब सरकार के चेहरे पर चुनाव से पूर्व ही हार की चिंता की लकीरें देखी जा सकती हैं। क्योंकि जिन झूठे झांसों व वायदों से बीजेपी ने सत्ता का सिंहासन फतह किया था उन वायदों को पूरा करने में सरकार पूरी तरह नाकाम रही है।

अब कांग्रेस व प्रदेश की जनता ही नहीं भाजपा का भीतरी जिक्र भी विपक्ष के साथ है सुर में सुर मिला रहा है। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है।

उन्होंने कहा कि भाजपा की दबी हुई चिंगारियां अब लावा बनने को बेताब हैं। भाजपा का भीतरी आक्रोश व उन्माद बयान कर रहा है कि सरकार हर मोर्चे पर बुरी तरह फेल व फ्लॉप हुई है। बीजेपी में चली भीतरी सियासत की कुश्ती हमीरपुर से लेकर ज्वालामुखी तक सरकार के गले की फांस बनी हुई है।

इस बात का सबूत जनमंच में शिरकत करने वाले बीजेपी के नेताओं के जहर बुझे दबे बयानों से सामने आ रहे हैं। बीजेपी के भीतर सुपर बीजेपी अब अपनी ही सरकार को धराशाई करने के मंसूबे बना रही है। प्रदेश में विकास कार्य शुरू दिन से ही ठप्प पड़े हैं।

राणा ने कहा कि बीता वर्ष कोरोना के बहाने जनता पर आफत ढाह रहा है जबकि आने वाला वर्ष बीजेपी की आंतरिक कलह में स्वाह हो जाएगा। डबल इंजन सरकार के मुहावरे में छिपी विरासत आंखें खोलकर बता रही है कि कभी केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने हिमाचल को 69 हाईवे के नाम पर ठगा है। जिनका आज दिन तक कोई अता पता नहीं है, तो कभी रेल व सी-प्लेन की घोषणाओं के नाम पर बीजेपी हमीरपुर के सांसद ने जनता को ठगा है।

शिमला-धर्मशाला फोरलेन का खाका जो बीजेपी ने खींचा था उसका अब सरकार के पास कोई नामों निशान नहीं बचा है। पठानकोट-मंडी फोरलेन परियोजना का शिलान्यास धूल फांकते हुए बीजेपी के झूठ को उजागर कर रहा है, तो चंबा-पठानकोट-मंडी फोरलेन की परियोजना भी फाइलों में दबकर गुम हो चुकी है।

चंबा सिमेंट प्लांट तो अपना सियासी मसला ही खत्म कर चुका है। जबकि केंद्रीय विश्वविद्यालय आपसी राजनीति की भेंट चढ़ कर बीजेपी की सियासत में टुकड़ों में बंट कर रह गया है। केंद्रीय विश्वविद्यालय के नाम पर 10 साल बाद भी एक ईंट नहीं लग पाई है जबकि बीजेपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों शांता व धूमल के प्रोजेक्टों को सरकार ही हरी झंडी दिखाने में कतरा रही है।

राणा ने कहा कि प्रदेश में लगातार नशे का जाल बढ़ रहा है। रोजगार की राह ताकते हुए प्रदेश की युवा फौज को विकास व रोजगार के नाम पर सिर्फ नशे की नासूर सौगात मिली है। जिनमें हजारों युवाओं की जिंदगीयां बर्बाद हो चुकी हैं।

नशा मुक्त भारत की वार्षिक एक्शन प्लान की रिपोर्ट के मुताबिक देश के 272 जिला में हुए सर्वे ने स्पष्ट किया है कि हिमाचल के मंडी, कुल्लू, शिमला, चंबा पूरी तरह नशे की चपेट में हैं। प्रदेश में बढ़ रहे अपराध व हादसों का मुख्य कारण बेखौफ बिकने वाला नशा साबित हो रहा है।

राणा ने कहा कि प्रदेश सरकार पर हावी-प्रभावी अफसरशाही मनमर्जी से सरकार को हांक रही है जबकि प्रदेश महंगाई, महामारी व बेरोजगारी के बीच बिलबिला रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: