शिमला। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने आज देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण सभी मौसम में खुली रहने वाली अटल सुरंग के उद्घाटन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री का हार्दिक आभार व्यक्त किया।
ज्ञात हो कि अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में केंद्र की भाजपा-नीत एनडीए सरकार ने रोहतांग दर्रे के नीचे सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इस सुरंग का निर्माण कराने का निर्णय किया था और सुरंग के दक्षिणी पोर्टल पर संपर्क मार्ग की आधारशिला 26 मई 2002 को रखी गई थी।
समुद्र तल से करीब तीन हजार मीटर की ऊंचाई पर बनी लगभग 9.02 किलोमीटर लंबी ‘अटल टनल’ दुनिया में सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग है जो वर्ष भर देश को लाहौल स्पीति घाटी से जोड़े रखेगी। पहले घाटी करीब छह महीने तक भारी बर्फबारी के कारण शेष हिस्से से कटी रहती थी।
लगभग 3,300 करोड़ रुपए की कीमत से बनी अटल टनल देश की रक्षा के नजरिए से बहुत महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री ने दिसंबर 2019 में अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में सुरंग का नाम ‘अटल टनल’ रखने का निर्णय किया था। इस टनल से मनाली से केलांग की दूरी 3-4 घंटे कम हो ही जाएगी और अब मात्र महज डेढ़ घंटे में तय की जा सकेगी। इससे मनाली और लेह के बीच की दूरी भी अब 46 किलोमीटर कम हो गई है।
अटल बिहारी से मनाली में हुई एक मुलाक़ात का जिक्र करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि इस टनल की नींव अटल बिहारी वाजपेयी ने 2002 में रखी थी। उन्होंने कहा कि अटल ने इस टनल के शिलान्यास के समय कहा था कि ये पत्थर हिमाचल प्रदेश के विकास की नींव का पत्थर है।
भाजपा के केंद्र की सत्ता से हटने के बाद अटल एक बार मनाली आये थे तो उन्होंने मुझसे पूछा था कि टनल का काम कैसा चल रहा है तो मैंने उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत कराया कि टनल का काम काफी धीमा चल रहा है।
अटल टनल के उद्घाटन से आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने न केवल मनाली और लाहौल स्पीति के बीच की दूरियां ख़त्म की हैं, बल्कि उन्होंने हिमाचल में विकास की गति को तेज करने की राह में आई दूरियों और प्रदेश के आगे बढ़ने के नए विजन और उसके क्रियान्वयन के बीच की भी दूरियों को भी ख़त्म किया है।
इससे हिमाचल प्रदेश की वादियों में विकास की एक नई सुबह हुई है। यह अटल बिहारी वाजपेयी का ड्रीम प्रोजेक्ट था।