शिमला। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डाॅ राजीव बिन्दल ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू का बयान अलोकतांत्रिक है और हिमाचल प्रदेश को अराजकता व अस्थिरता की तरफ बढ़ाने वाला है।
उनका यह कहना कि भारतीय जनता पार्टी के 9 विधायक जिन्होंने विधानसभा परिसर के अंदर कागज फाड़े, उनकी सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी, इस पर दो प्रश्न खडे़ होते हैं।
सुक्खू सरकार ने गैर कानूनी तौर पर 6 मुख्य संसदीय सचिव लगाए और वे उन सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं जिसके वे हकदार नहीं है और उनकी सदस्यता आज नहीं तो कल जानी ही है। अब सुक्खू सरकार को यह आभास हो चुका है कि उनके 6 लोगों की सदस्यता जाने वाली है तो ऐसे में सुक्खू सरकार गैर कानूनी तरीके से भाजपा के 9 विधायकों की सदस्यता को लेकर षड़यंत्र रच रही है। ये एक ऐसी स्थिति पैदा करने जा रहे हैं जहां हिमाचल प्रदेश अस्थिरता की ओर बढ़ेगा।
डाॅ बिन्दल ने कहा कि कांग्रेसी नेताओं का यह बार-बार कहना कि यह उपचुनाव भारतीय जनता पार्टी ने थोपे हैं, सरासर भ्रामक बयान है। बिल्ली अब थैले से बाहर आ चुकी है और जनता जान चुकी है कि यह उपचुनाव सुखविन्द्र सरकार द्वारा जबरदस्ती जनता पर थोपे गए हैं।
उन्होंने कहा कि न तो वो 6 विधायक अयोग्य घोषित होने चाहिए थे और ये तीन उपचुनाव भी लोकसभा चुनावों के साथ होने चाहिए थे। इन चुनावों पर सरकार के जो 40-45 करोड़ रूपये खर्च हो रहे हैं उसकी सम्पूर्ण जिम्मेवारी मुख्यमंत्री के उपर है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा के 9 विधायकों को पदच्युत करने की बात कहना अलोकतांत्रिक है और कांग्रेस किस तरह से लोकतंत्र को हाईजैक करने का षड़यंत्र कर रही है वो स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है।
वास्तव में ऐसा कहीं देशभर में नहीं हुआ है और न ही इस प्रकार का कोई कानून है और न ऐसा हो सकता है, यह केवल जनता को भरमाने के लिए दिया गया बयान है ताकि जनता को पता रहे कि सुक्खू सरकार अभी स्थिर है।
डाॅ बिन्दल ने कहा कि सुक्खू सरकार को फिर भय सताने लगा है कि उनकी सरकार जाने वाली है। कांग्रेस के लोग किनारे बिठा दिए हैं, कांग्रेस के नेता किनारे बिठा दिए, अपने मित्र कैबिनेट मंत्री बना दिए और अब परिवार की बारी है। मित्र, परिवार और मुख्यमंत्री यही कांग्रेस है, यही सरकार है बाकि सब शून्य हैं।
डाॅ बिन्दल ने कहा कि हिमाचल की जनता खुली आंखों से सब कुछ देख रही है और यह जो तीन उपचुनाव हो रहे हैं, इन्हें भारतीय जनता पार्टी जीतेगी। जिन 9 विधायकों की विधायकी समाप्त करने की घोषणा मुख्यमंत्री ने की है उससे स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री अपनी हार मान चुके हैं।