घुमारवीं। प्रदेश में बांस उत्पादकों के लिए प्रदेश सरकार एक सहकारी सभा बनाएगी। ताकि उनके द्वारा निर्मित प्रोडक्ट्स को मार्केट में पहचान मिल सके और उनकी आर्थिकी में भी बेहतर सुधार हो सके।
यह बात शनिवार को घुमारवीं में जाइका वानिकी परियोजना द्वारा आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए टीसीपी, हाउसिंग एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने कही।
उन्होंने कहा कि मन में कई वर्षों से विचार आ रहा था कि बांस उत्पादों की महनत को देखते हुए प्रदेश में उनके लिए कुछ नया करने की आवश्यकता है। बांस उत्पादकों की आर्थिकी में सुधार हो, इसके लिए प्रदेश सरकार हर संभव सहयोग करेगी।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि जाइका वानिकी परियोजना के मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया के साथ एक साल से चर्चा कर रथा था कि ऐसे समुदायों को आजीविका कमाने के बेहतर अवसर प्राप्त हो इसके लिए उन्हें नई योजना बनाने के जरूरत है।
राजेश धर्माणी ने कहा कि बांस उत्पादकों के लिए जो सहकारी सभा बनेगी उसके मालिक आप ही होंगे। उनके उत्पादों को बेचने के लिए प्रदेश के नेशनल हाइवे के समीप स्वयं सहायता समूहों के लिए स्थान चिंहित कर देंगे। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि बांस उत्पादों से रोजगार के द्वार भी खुलेंगे।
उन्होंने कहा कि जाइका वानिकी परियोजना की ओर से इस प्रोजेक्ट के लिए अभी एक करोड़ का बजट प्रस्तावित है जिसे और बढ़ाया जाएगा। राजेश धर्माणी ने कहा कि मैंने बांस उत्पादकों को मेहनत करते हुए देखा है। मंत्री ने कहा कि बांस उत्पादकों को आईएचबीटी पानलमपुर में एक्सपोजर विजिट पर ले जा सकते हैं।
उन्होंने यहां मौजूद लोगों से आहवाहन किया कि अगले दो साल में अंदर आपकी कमाई सामने दिखेगी। कार्यशाला को संबोधित करने से पहले मंत्री राजेश धर्माणी ने जाइका वानिकी परियोजना से जुड़े विभिन्न स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों के स्टॉल का अवलोकन किया।
बैंबू इंडिया के फाउंडर एंड सीईओ योगेश शिंदे ने बांस निर्मित उत्पादों से लोगों को आजीविका कमाने और उनकी आर्थिकी सुदृढ़ करने बारे विस्तृत जानकारी दी।