शिमला। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल आज सिरमौर जिले के पांवटा साहिब में डिवाइन विजडम स्कूल माजरा के वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
उन्होंने कहा कि हमें अपने बच्चों की योग्यता और रुचि को ध्यान में रखते हुए उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के अवसर प्रदान करने चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें बच्चों पर अनावश्यक दबाव नहीं डालना चाहिए।
राज्यपाल ने विगत 22 जनवरी को अयोध्या में हुए प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का उललेख करते हुए कहा कि इन ऐतिहासिक क्षणों का साक्षी बनने के लिए यह उत्सव न केवल भारत में बल्कि दुनिया के कई देशों में आयोजित किया गया।
उन्होंने कहा कि आज स्कूली बच्चों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुति से उसी दृश्य को जीवंत कर दिया है। उन्होंने कहा, जो विद्यालय चरित्र निर्माण के मामले में पिछड़ जाता है वह धीरे-धीरे अपनी पहचान खो देता है।
शुक्ल ने कहा कि हाल ही में पद्म पुरस्कार भी उन लोगों को प्रदान किए गये जो पेड़ों की रक्षा और लोगों की सेवा के लिए सर्वश्रेष्ठ कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बच्चों में टेलीविजन और मोबाइल फोन के अत्यधिक उपयोग पर चिंता व्यक्त की और माता-पिता से अपने बच्चों के साथ अधिक समय व्यतीत करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि हमें प्रतिस्पर्धा की दौड़ में अपने बच्चों को नहीं खोना चाहिए। उन्होंने कहा कि नौकरियां सीमित हैं और प्रतिस्पर्धा अधिक है, इसलिए यह सोचने की जरूरत है कि हम नौकरी मांगने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले कैसे बनें।
राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल को देवभूमि के नाम से जाना जाता है और देवभूमि में चल रहा नशे का कारोबार चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि अकेले पुलिस प्रशासन नशे को समाप्त नहीं कर सकता, इसके लिए हम सभी को जागरूक होने की जरूरत है।
इस अवसर पर राज्यपाल ने विद्यालय के मेधावी विद्यार्थियों को पुरस्कार भी प्रदान किये।
डिवाइन विजडम स्कूल के अध्यक्ष नीरज गोयल ने राज्यपाल का स्वागत किया।
डिवाइन विजडम स्कूल की प्रिंसिपल मीनाक्षी मल्होत्रा ने स्कूल की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की।
इस अवसर पर विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।