हरिद्वार, हरीश उपाध्याय। आज जल निगम जल संस्थान संयुक्त मोर्चे का धरना कार्यालय अधिशासी अभियन्ता, अनुरक्षण शाखा (गंगा), उत्तराखण्ड जल संस्थान, जगजीतपुर, हरिद्वार में किया गया। धरना प्रदर्शन कार्यक्रम की अध्यक्षता शलभ मित्तल, जनपद अध्यक्ष द्वारा तथा संचालन गोविन्द प्रसाद गैरोला द्वारा किया गया
जल निगम-जल संस्थान संयुक्त मोर्चे की दो-सूत्रीय मांग पर चर्चा की गई।
पहली उत्तराखण्ड पेयजल निगम एवं उत्तराखण्ड जल संस्थान का एकीकरण करते हुए राजकीयकरण किया जाना तथा दूसरा UUSDA द्वारा ADB के माध्यम से कराये जा रह कार्यों को जल निगम एवं जल संस्थान को वापिस किया जाना तथा ADB द्वारा कराये जा रहे कार्यों की जांच कराया जाना।
धरना कार्यक्रम में अधिशासी अभियन्ता (यांत्रिक), इं० चारू अग्रवाल उपस्थित रही तथा उनके द्वारा उत्तराखण्ड पेयजल निगम / उत्तराखण्ड जल संस्थान का एकीकरण करते हुऐ राजकीयकरण करने की मांग का समर्थन किया गया।
धन सिंह नेगी, जनपद संयोजक द्वारा अपने उद्धघोषण में उत्तरप्रदेश जलापूर्ति एवं सम्भरण अधिनियम 1975 के स्पष्ट उल्लंघन के लिए सरकार की घोर निंदा की गई एवं अवगत कराया गया कि शहरी विकास विभाग द्वारा निर्माण / संचालन विशेषज्ञ विभाग उत्तराखण्ड पेयजल निगम व उत्तराखण्ड जल संस्थान को खत्म करने की साजिश लगातार की जा रही है।
आज के धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में सुदामा प्रसाद, प्रदेश अध्यक्ष लाल झण्डा मजदूर यूनियन द्वारा कहा गया कि एक ओर एकीकरण / राजकीयकरण शासन स्तर से विलम्ब होने से उत्तराखण्ड पेयजल विभाग के सभी अधिकारियों/कर्मचारियों में निराशा है।
वहीं शहरी विकास विभाग के अन्तर्गत संचालित संस्था UUSDA के द्वारा मूल अभियांत्रिकी विभागों के कार्यक्षेत्र में अतिक्रमण किये जा रहे है, जिससे सभी कार्मिका अत्याधिक आक्रोश में हैं।
अन्त में सभा के अध्यक्ष शलभ मित्तल द्वारा रोष व्यक्त किया गया कि जल निगम / जल संस्थान का एकीकरण करते हुऐ राजकीयकरण की मांग वर्ष 2011 से लगातार विभिन्न चरणों में अधिकारियों / कर्मचारियों द्वारा की जा रही है। परन्तु सरकार की निष्क्रयता के कारण एकीकरण / राजकीयकरण की मांग सरकारी फाईलों में दम तोड़ रही है, जिससे कर्मचारियों में काफी रोष है।
उनके द्वारा यह भी अवगत कराया गया है कि जब तक संयुक्त मोर्चे की दो-सूत्रीय मांग का निस्तारण नहीं हो जाता तब तक मोर्चे का धरना प्रदर्शन यथावत जारी रहेगा।