शिमला। प्रदेश में प्राकृतिक खेती कर रहे 1 लाख 82 हजार किसानों में से 1 लाख 20 हजार किसानों का प्रमाणीकरण पूरा किया जा चुका है।
प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के अधीन 1 लाख 37 हजार किसानों ने प्रमाणीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था जिनमें से 1 लाख 20 हजार किसानों को प्रक्रिया पूरी होने के उपरांत प्रमाणपत्र जारी किए जा चुके हैं।
यह जानकारी शनिवार को प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना की समीक्षा बैठक के दौरान साझा की गई।
योजना के राज्य परियोजना निदेशक हेमिस नेगी ने बताया कि किसानों के प्रमाणीकरण के लिए एक नवोन्मेषी प्रमाणीकरण प्रणाली बनाई गई है। इस प्रणाली के तहत किसानों का निशुल्क ऑनलाइन प्रमाणीकरण किया जा रहा है।
सूचना प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग से समय और संसाधनों की बचत के साथ किसानों को विभागीय कार्यालयों के चक्कर काटे बिना उनके फोन पर ही प्रमाणपत्र प्राप्त हो रहे हैं। अपने आप में अनूठी इस प्रणाली को हिमाचल ने स्वयं तैयार किया है।
कृषि निदेशालय में आयोजित समीक्षा बैठक में जिलों द्वारा प्राकृतिक खेती की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की गई और आगामी रणनीति पर भी मंथन किया गया। वर्तमन आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के सभी जिलों में 30 हजार हैक्टेयर से अधिक भूमि पर प्राकृतिक खेती की जा रही है।
प्राकृतिक खेती के उत्पादों के विपणन कि दिशा में भी द्रुत गति से प्रयास किए जा रहे हैं। इस समीक्षा बैठक में संयुक्त कृषि निदेशक डॉ. रविंदर सिंह जसरोटिया, कृषि उपनिदेशक डॉ. मोहिंदर सिंह भवानी, डॉ हेमराज ठाकुर एवं सभी जिलों के परियोजना निदेशक तथा राज्य परियोजना इकाई के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।