उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कमजोर वर्गों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए एक जीवंत रणनीति करनी होगी तैयार: चहल

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शिमला। भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान (एडवांस्ड स्टडी) में शोधरत प्रोफेसर एस के चहल ने हरियाणा अंबेडकर प्रोफेसर संघ द्वारा बहुत ही प्रासंगिक विषय द चैलेंज ऑफ इक्वीटी इन हायर एजूकेशन इन इण्डिया अंडर कोविड-19 पर आयोजित राज्य स्तरीय वेबिनार में बीज भाषण प्रस्तुत किया।

प्रोफेसर चहल कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय में इतिहास विभाग के पूर्वाध्यक्ष हैं तथा वर्तमान में एडवांस्ड स्टडी शिमला में दो वर्ष की अध्येतावृति पर हैं।

अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि हमें वर्तमान में महामारी कोविड के संकट में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कमजोर वर्गों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए एक जीवंत रणनीति तैयार करनी होगी तथा इस चुनौती को डिजिटल करने व उच्च शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल विभाजन के अंतर को कम करने के लिए प्रधान मंत्री के आह्वान का पालन करना चाहिए।

हरियाणा अंबेडकर प्रोफेसर संघ, हरियाणा राज्य के कमजोर वर्गों से संबंधित शिक्षकों का एक सबसे बड़ा संगठन है।

वेबिनार को गूगल मीट और यू ट्यूब जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लाइव आयोजित किया गया। इस वेबिनार में न सिर्फ हरियाणा, बल्कि देश के लगभग 20 दूसरे राज्यों से भी से प्रतिभागियों ने भाग लिया।

हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने इस अवसर पर उद्घाटन भाषण प्रस्तुत किया गया जबकि चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय, सिरसा के पूर्व कुलपति प्रोफेसर विजय कयात, अध्यक्षीय भाषण प्रस्तुत किया गया।

कोविड -19 महामारी से उत्पन्न संकट के तहत भारत में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उभरती चुनौतियों को इंगित करते हुए अपनी तरह का पहला वेबिनार था।

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