नेरवा, नोविता सूद। शुक्रवार देर शाम एक कार हादसे में सैन्य ड्यूटी के दौरान शहीद हुए शिल्ला क्षेत्र के मिण्डा गाँव के नायक राजेंद्र शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गए । शनिवार को हजारों नम आँखों के बीच उनका पैतृक गाँव मिण्डा में अंतिम संस्कार कर दिया गया।
उनके छोटे भाई राकेश ने उन्हें मुखाग्नि दी। राजेंद्र की तैनाती बारामूला में नायक के पद पर 22 जैक राइफल्स में थी, परन्तु इस समय वह प्रतिनियुक्ति पर राजस्थान राइफल्स में जब्बलपुर में अपनी सेवायें दे रहे थे।
सेना के आदेश पर राजेंद्र कुछ दस्तावेज तैयार करवाने के लिए गत 27 अक्टूबर को आतंकवादियों से हुई एक मुठभेड़ में शहीद हुए कुलभूषण के गाँव जाने के लिए गुरूवार को शिमला पंहुचे थे तथा शुक्रवार को वह शिमला से अपनी कार से घर की तरफ आ रहे थे।
इस दौरान उनकी कार चौपाल से करीब नौ किलोमीटर आगे खगना के नजदीक शिटना में हादसे का शिकार हो कर खगना खड्ड में जा गिरी थी। इस हादसे में राजेंद्र की मौके पर ही मौत हो गई थी।
जिस समय यह हादसा हुआ उस समय राजेंद्र सैन्य ड्यूटी पर थे, लिहाजा उनकी मौत को शहादत का दर्जा देना लाजिमी है । बता दें कि 27 अक्टूबर को जैक 22 राइफल्स में तैनात नायक राजेंद्र अपनी रेजिमेंट के साथी तहसील कुपवी की ग्राम पंचायत मझौली के गौंठ गाँव के निवासी कुलभूषण मांटा काश्मीर के बारामूला में आतंकवादियों से लोहा लेते शहीद हो गए थे।
शनिवार को सेना मुख्यालय चंडीमंदिर से उनके गाँव पंहुची सेना की टुकड़ी ने उन्हें सलामी देकर सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी । इस मौके पर उपस्थित हजारों लोगों की आँखें नम थी एवं परिजनों के तो आँखों के आंसू सूखने का नाम ही नहीं ले रहे थे ।
राजेंद्र को घर में और उनके मित्र प्यार से टीटू के नाम से पुकारते थे एवं वह परिजनों तथा दोस्तों में अत्यंत प्रिय थे । चौपाल के पूर्व विधायक डॉ सुभाष चंद मंगलेट एवं वर्तमान चुनाव में चौपाल से कांग्रेस प्रत्याशी रहे प्रदेश कांग्रेस संगठन महासचिव रजनीश किमटा ने राजेंद्र की शहादत पर गहरा शोक प्रकट करते हुए शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदनाएं प्रकट की हैं।
उधर राजेंद्र अपने पीछे पिता श्याम सिंह,माता शांता देवी, भाई प्रदीप व राकेश तथा एक बहन ममता को रोता बिलखता छोड़ गए है। उधर राजेंद्र की शहादत पर पूरे शिल्ला क्षेत्र सहित तहसील नेरवा में मातम का माहौल है ।