हिमाचल। इस वित्त वर्ष के प्रथम दो माह में प्रदेश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रहण में 49 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है और मई में यह 390 करोड़ रुपये रहा है।
राज्य कर एवं आबकारी विभाग के एक प्रवक्ता ने यहां बताया कि यह वृद्धि करदाताओं में कर अदायगी सम्बन्धी अनुपालना में सुधार तथा विभाग द्वारा उठाए गए विभिन्न प्रशासनिक एवं नीतिगत प्रयासों तथा प्रवर्तन प्रणाली के सुदृढ़ीकरण से सम्भव हो पाई है।
इस वृद्धि का दूसरा मुख्य कारण पिछले वित्त वर्ष की अन्तिम तिमाही में जीएसटी रिटर्न सम्बन्धी दी गई छूट है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर से उत्पन्न आर्थिक विषमताओं के कारण दी गई छूट से जीएसटी संग्रहण में विगत वर्ष की तुलना में यह कमी दर्ज की गई थी।
विभाग द्वारा चालू वित्तीय वर्ष में लगभग 25 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। रिटर्न फाइलिंग में लगातार सुधार, तेज रिटर्न की जांच, जीएसटी ऑडिट को समय पर पूरा करना और मजबूत प्रवर्तन विभाग के लिए लक्षित क्षेत्र बने हुए हैं।
विभाग ने पिछले वर्ष अपने रोड चैकिंग अभियान में किए गए करीब ढाई लाख ई-वे बिल के सत्यापन में और सुधार का लक्ष्य रखा है। विभाग समय सीमा के साथ स्वैच्छिक अनुपालन में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है और टैक्स हाट कार्यक्रम के तहत हितधारकों के मुद्दों का निवारण किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने कर अधिकारियों के निरंतर क्षमता निर्माण के लिए हाल ही में जीएसटी प्रशिक्षण प्रकोष्ठ की स्थापना को स्वीकृति प्रदान की है। राज्य मंत्रिमण्डल द्वारा राजस्व लक्ष्य प्राप्त करने के लिए विभागीय पुनर्गठन को भी सैद्धान्तिक मंजूरी प्रदान की गई है।