शिमला। तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने सहित विभिन्न मांगों को लेकर किसान पिछले दस महीनों से संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले देशभर में आंदोलित हैं।
मांगों पर अभी तक केंद्र सरकार की ओर से कोई संज्ञान न लेने से आहत किसानों ने आज भारत बंद का एलान किया है। इसके तहत हिमाचल में भी जगह जगह किसान संगठन धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
राजधानी शिमला में किसान मोर्चा ओर सीपीआईएम ने विक्ट्री टनल पर चक्का जाम किया और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
इस दौरान वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बन्द कर दी गई जिससे दोनों तरफ से लंबा जाम लगा हुआ है।
किसान नेता कुलदीप तंवर ने कहा कि आज तीन कृषि काले कानूनों को राष्ट्पति के हस्ताक्षर कर कानून का रूप देने के बाद आज एक साल हो गया है और इन तीनों काले कानूनों के खिलाफ देश का किसान दस महीने से धरने पर बैठा है।
इसके समर्थन में आज भारत बन्द का ऐलान किया गया है और देश भर में किसान धरने पर बैठे।
हिमाचल में भी 37 जगहों पर प्रदर्शन किए जा रहे हैं और इन काले कानूनों को वापिस लेने की मांग की जा रही है ।
उन्होंने कहा कि हिमाचल में जो फल अनाज का उत्पादन होता है उस पर भी न्यूनतम मूल्य नहीं मिल रहा है।
जैसे केरल में 16 फल और अनाज पर न्यूनतम मूल्य दिया जा रहा वैसे ही हिमाचल सरकार भी यहां सेब सहित अन्य फलों और अनाज पर भी न्यूनतम मूल्य तह करने के लिए कानून लाए।
इन सभी मांगो को लेकर जल्द ही प्रदेश के किसान संगठनों का सम्मेलन होगा और आगे की रूप रेखा तय की जाएगी।
वही भारत बंद के चलते आज प्रदेश की राजधानी से बाहरी राज्यों पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा और दिल्ली के लिए एचआरटीसी ने अपनी सेवाएं बंद रखी।
हालांकि काफी तादाद में लोग जाने के लिए बस स्टैंड पहुंचे लेकिन बसें न मिलने से निराश हो कर लौटना पड़ा।
शिमला से केवल परमाणु तक ही बसें भेजी गई।