पञ्चाङ्ग 4 अप्रैल

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भारत।

शुभ् विक्रम् संवत् – 2079 नल,
शालिवाहन् शक् संवत् – 1944 शुभकृत,
मास- (अमावस्यांत) – चैत्र माह,
पक्ष- शुक्ल, (पूर्णिमांत) चैत्र-माह,
तिथि- तृतीया 13:54:29, बाद-चतुर्थी,
दिन- सोमवार, सूर्य प्रविष्टे 22 चैत्र गते,
नक्षत्र- भरणी 14:27:24, बाद-कृतिका,
योग- विष्कुंभ 07:40:44, बाद-प्रीति,
करण- गर 13:54:29, बाद-वाणिज,
सूर्य- मीन राशिगत,
चंद्र- मेष राशिगत,
ऋतु- वसंत, अयन – उत्तरायण,
सूर्योदय- 06:09:14,
सूर्यास्त- 18:39:20,
दिन काल- 12:30:05,
रात्री काल- 11:28:46,
चंद्रोदय- 07:54:46,
चंद्रास्त- 21:41:08,
राहू काल- 07:43 – 09:17 अशुभ,
यम घंटा- 10:51 – 12:24 अशुभ,
अभिजित – 11:59 -12:49 शुभ,
दिशा शूल – पूर्व, पूर्वोत्तर दिशा अशुभ,

दिशा शूल शुभता :-

आज सोमवार के दिन दर्पण देख कर घर से बाहर निकलें, शुभ रहेगा।

विशेष :-

आज तृतीया तिथि को परमल खाना वर्जित है, क्योंकि यह शत्रु वृद्धि करता है। चतुर्थी तिथि के दिन मूली खाना वर्जित है।

(ब्रह्मवैवर्त-पुराण : ब्रह्म-खण्ड),

दिन की शुभ चौघड़ियाँ :~

अमृत- 06:09 – 07:43,
शुभ- 09:17 – 10:51,
चर- 13:58 – 15:32,
लाभ- 15:32 – 17:06,
अमृत- 17:06 – 18:39,

रात्री की शुभ चौघड़ियाँ :~

चर- 18:39 – 20:05,
लाभ- 22:58 – 24:24*,
शुभ- 25:50* – 27:16*,
अमृत- 27:16* – 28:42*,
चर- 28:42* – 30:08*,

किस ‘होरा’ में कौन सा कार्य करना श्रेयस्कर होता है :~

1. सूर्य –

माणिक्य धारण करना, सरकारी नौकरी हेतु आवेदन या पदभार ग्रहण, समस्त सरकारी कार्य, चुनाव व राजनीति संबंधी कार्य करें।

2. चंद्र –

मोती धारण करना, यह होरा समस्त कार्यों के लिए शुभ होती है।

3. मंगल –

मूंगा व लहसुनिया धारण करना, कर्ज देना, न्यायालय, पुलिस, सेना आदि से संबंधित कार्य, प्रशासनिक कार्य, मकान खरीदना चाहिये।

4. बुध –

पन्ना धारण करना, व्यापार संबंधी कार्य, लेखा संबंधी कार्य, बैंक संबंधी कार्य, विद्यारम्भ, शिक्षा संबंधी कार्य करें।

5. गुरु –

पुखराज धारण करना, उच्च अधिकारियों से भेंट, विवाह संबंधी कार्य, वस्त्र खरीदना इत्यादि करें।

6. शुक्र –

हीरा धारण करना, आभूषण क्रय करना चहिये, सोने-चांदी का व्यापार, ललित कला संबंधी कार्य, नवीन वस्त्र धारण करना व अन्य वैभव विलासिता संबंधी कार्य करें।

7. शनि –

नीलम व गोमेद धारण करना, गृहारम्भ करना, कारखानें स्थापित करना, लोहा-मशीनरी संबंधी कार्य, वाहन क्रय करना, न्यायालय संबंधी कार्य, कृषि कार्य, तेल संबंधी कार्य करें।

दिन का होरा चक्र

चन्द्र- 06:09 – 07:12,
शनि- 07:12 – 08:14,
बृहस्पति- 08:14 – 09:17,
मंगल- 09:17 – 10:19,
सूर्य- 10:19 – 11:22,
शुक्र- 11:22 – 12:24,
बुध- 12:24 – 13:27,
चन्द्र- 13:27 – 14:29,
शनि- 14:29 – 15:32,
बृहस्पति- 15:32 – 16:34,
मंगल- 16:34 – 17:37,
सूर्य- 17:37 – 18:39,

रात्री का होरा चक्र

शुक्र -18:39 – 19:37,
बुध- 19:37 – 20:34,
चन्द्र- 20:34 – 21:32,
शनि- 21:32 – 22:29,
बृहस्पति- 22:29 – 23:26,
मंगल- 23:26 – 24:24*,
सूर्य- 24:24* – 25:21*,
शुक्र -25:21* – 26:19*,
बुध- 26:19* – 27:16*,
चन्द्र- 27:16* – 28:13*,
शनि- 28:13* – 29:11*,
बृहस्पति- 29:11* – 30:08*,

(पञ्चाङ्ग-इंद्रप्रस्थ-“दिल्ली”-समयानुसार),

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