23 को रखें अष्टमी का व्रत: पंडित शशिपाल डोगरा 

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शिमला। इस बार दुर्गा अष्टमी, महानवमी और दशहरा

की तिथियों को लेकर लोगों में दुविधा की स्थिति है। इसे लेकर प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य व वशिष्ठ ज्योतिष सदन के अध्यक्ष पंडित शशिपाल डोगरा ने स्थिति स्पष्ट की है ।

पंडित डोगरा के मुताबिक‌ हिन्दी पंचांग में तिथियां अंग्रेजी कैलेंडर की तारीखों की तरह 24 घंटे की नहीं होती हैं। ये तिथियां 24 घंटे से कम और ज्यादा की हो सकती हैं।

कई बार ये तिथियां एक ही तारीख को पड़ जाती हैं, जिससे दो व्रत या त्योहार एक ही दिन पड़ जाते हैं। उनका कहना है कि नवरात्रि की महाष्टमी, महानवमी और दशमी तिथि को लेकर परेशान होने की‌ जरूरत नहीं है।

पंडित शशिपाल डोगरा कहते हैं कि सूर्य उदय व्यप्णी अश्विन शुक्ल अष्टमी को दुर्गा अष्टमी कहा जाता है। यह अष्टमी सूर्य उदय के बाद कम से कम एक घटी व्यप्णी होनी चाहिए तथा नवमी तिथी से युक्त होनी चाहिए।

सप्तमी युक्त अष्टमी को त्याग देना चाहिए, लेकिन धर्म सिन्धु के अनुसार यदि अष्टमी पहले दिन सप्तमी युक्त हो तथा दूसरे दिन 1 घटी से कम हो, तब इसे सप्तमी युक्त भी स्वीकार करना चाहिए। इस बार 24 अक्टूबर को 2020 को 1 घटी से कम है। इसलिए 23 अक्टूबर 2020 को ही अष्टमी मानना शस्त्र सम्मत है।

महाअष्टमी का व्रत 23 को

पं शशिपाल डोगरा इन तिथियों की सही तारीख और समय के बारे में बताते हुए कहते हैं कि इस वर्ष अष्टमी तिथि का प्रारंभ 23 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 57 मिनट पर हो रहा है, जो अगले दिन 24 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 58 मिनट तक है। ऐसे में इस वर्ष महाअष्टमी का व्रत 23 अक्टूबर को रखा जाएगा। इस दिन महागौरी की पूजा की जाती है।

शारदीय नवरात्रि की महानवमी तिथि

इस वर्ष महानवमी तिथि का प्रारंभ 24 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 58 से हो रहा है, जो अगले दिन 25 अक्टूबर को सुबह 07 बजकर 41 मिनट तक है। ऐसे में आपको महानवमी का व्रत 24 अक्टूबर को रखना है। महानवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।

कन्या पूजन

इस वर्ष शारदीय नवरात्रि में कन्या पूजन या कुमारी पूजा 24 अक्टूबर को करना है। हालांकि महाष्टमी और महानवमी दोनों ही तिथियों को कन्या पूजन किया जाता है।

दशहरा या विजयादशमी

शारदीय नवरात्रि की दशमी तिथि का प्रारंभ 25 अक्टूबर को सुबह 7 बजकर 41 मिनट से हो रहा है, जो 26 अक्टूबर को सुबह 9 बजे तक है। ऐसे में विजयादशमी या दशहरा का पर्व 25 अक्टूबर दिन रविवार को मनाया जाएगा।

दुर्गा मूर्ति विसर्जन

मां दुर्गा की मूर्ति का विसर्जन सोमवार को 26 अक्टूबर को होगा। उस दिन आपको सुबह 6:29 बजे से सुबह 8:43 बजे के मध्य दुर्गा विसर्जन कर देना चाहिए।

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