शिमला। मानसून सत्र की समाप्ति पर संवाददाताओं को सम्बोधित करते हुए विधान सभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने कहा कि इस सत्र के दौरान सदन की कुल 10 बैठकें आयोजित हुई तथा सदन की कार्यवाही 47 घंटे चली।
उन्होंने कहा कि जब इस सत्र के आयोजन की तैयारियां चल रही थी शायद किसी को यह अंदाजा नहीं था कि विश्वव्यापी कोरोना महामारी के चलते दस दिवसीय सत्र का आयोजन हो पाएगा या नहीं।
इस सत्र का आयोजन वास्तव में एक चुनौतीपूर्ण कार्य था लेकिन विधानसभा सचिवालय के अधिकारी व कर्मचारी इसके के लिए सजग तथा पूरी तरह से समर्पित थे। इन सभी के अथक प्रयासों तथा हिमाचल प्रदेश सरकार के बहुमूल्य सहयोग से ही यह संभव हो पाया। जहां सदस्यों के लिए सदन के अंदर सामाजिक दूरी बनाए रखने हेतु उनके आसन को 6 फुट उँची पॉलीकार्बोनेट शीटस से पृथक किया गया वहीं सभी को सर्जिकल फेस मास्क तथा सैनेटाईजर भी उपलब्ध करवाए गए।
पत्रकार दीर्घा में बैठने हेतु पत्रकारों को कम पास आवंटित किए गए तथा विधान सभा सचिवालय, भवन, परिसर, सदन तथा दीर्धाओं को एक दिन में दो बार सत्र से पूर्व तथा सत्र समाप्ति के बाद सैनेटाईज किया गया।
सभी मुख्य द्वारों पर सदस्यों, मीडिया के साथियों, अधिकारियों तथा कर्मचारियों को अपने हाथों को सैनेटाईज करने के लिए सैनेटाईजर से लैस पैडल द्वारा चालित मशीनों को रखा गया। सत्र में भीड़ कम करने के लिए आगंतुकों को किसी भी तरह के पास जारी नहीं किए गए तथा सत्र के कार्यों से जुड़े विभिन्न विभागों के अधिकारियों तथा कर्मचारियों के पास में भी भारी कटौती की गई।
उन्होंने कहा कि मुख्य द्वारों पर प्रवेश करने से पहले सभी की थर्मल स्क्रीनिंग की गई व किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा टेस्टिंग वैन तथा एंबुलेंस विधान सभा सचिवालय में डॉक्टर की टीम के साथ व्यवस्थित की गई थी।
इस सत्र के दौरान प्रथम दिन जहां सदस्यों द्वारा भारत रत्न व देश के पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय प्रणब मुखर्जी को सदन में श्रद्धांजलि दी गई वहीं विधानसभा के पूर्व सदस्यों जिनका पिछले सत्र के बाद निधन हुआ था को भी श्रद्धांजलि दी गई।
सत्र में जनहित के महत्वपूर्ण विषयों पर प्रश्नों के माध्यम से चर्चा हुई व सुझाव दिए गये जिनके दूरगामी परिणाम होंगे। इस सत्र के दौरान कुल 434 तारांकित तथा 223 अतारांकित प्रश्नों की सूचनाओं पर सरकार द्वारा उत्तर उपलब्ध करवाए गए।
नियम-67 के अन्तर्गत स्थगन प्रस्ताव जोकि कोविड-19 महामारी से सम्बन्धित था पर सदन में दो दिन चर्चा हुई, जिस पर विपक्ष व पक्ष के 28 सदस्यों (13 विपक्ष व 15 पक्ष ) ने 6 घण्टे 25 मिनट चर्चा में भाग लिया तथा चर्चा उपरान्त मुख्य मन्त्री जी ने 1 घण्टे 5 मिनट चर्चा का उत्तर दिया।
नियम-61 के अन्तर्गत 5 विषयों, नियम-62 के अन्तर्गत 10 विषयों व नियम-130 के अन्तर्गत 5 प्रस्तावों पर चर्चा हुई, जिनमें सदस्यों ने सार्थक चर्चा की।
इसके अतिरिक्त नियम-101 के अन्तर्गत 2 गैर-सरकारी संकल्प तथा पिछले सत्र में प्रस्तुत संकल्प पर भी चर्चा की तथा सदस्यों ने अपने बहुमुल्य सुझाव दिये व संकल्प वापिस लिए गए।
इसके अतिरिक्त 12 सरकारी विधेयक भी सभा में पुर:स्थापित एवं सार्थक चर्चा उपरान्त पारित किये गए जिनमें कि एक विधेयक में सरकार से संशोधन हेतु रखा गया और संशाधित रूप में पारित किया गया। नियम-324 के अन्तर्गत विशेष उल्लेख के माध्यम से 9 विषय सभा में उठाये गये तथा सरकार द्वारा इस सम्बन्ध में वस्तुस्थिति की सूचना सभा व सदस्यों को दी गई।
परमार ने कहा कि सभा की समितियों ने भी 55 प्रतिवेदन सभा में उपस्थापित किये । इसके अतिरिक्त मन्त्रियों द्वारा अपने-अपने विभागों से सम्बन्धित दस्तावेज भी सभा पटल पर रखे गए तथा महत्वपूर्ण वक्तव्य भी दिये ।
उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान उनका भरसक प्रयास रहा कि सत्र की कार्यवाही सौहार्दपूर्ण वातावरण में चले। इसके लिए उन्होंने मुख्यमन्त्री, नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्य मन्त्री वीरभद्र सिंह के सहयोग का धन्यवाद किया जिनकी वजह से वह इस सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से संचालित कर पाये।